बुधवार, 23 अप्रैल 2025

मजदूर का बेटा शकील बना आईपीएस, यूपीएससी में हासिल की 506वीं रैंक, परिवार में जश्न का माहौल

असलम अल्वी 

शाहजहांपुर। हौसले बुलंद हो तो सपने भी सच हो जाते हैं। ऐसी ही कहानी शाहजहांपुर के तिलहर कस्बा के इमली मोहल्ले निवासी शकील अहमद की है, जिनके पिता कभी अपने बच्चों को पालने के लिए मजदूरी करते थे। आज बेटे ने आईपीएस बनकर बुलंदी के शिखर को छुआ है। शकील ने यूपीएससी में 506 रैंक हासिल की है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित किया तो शकील के परिवार में जश्न का माहौल हो गया। 

तिलहर के मोहल्ला इमली निवासी हाजी तसव्वुर हुसैन मंसूरी के बेटे शकील मंसूरी का यूपीएससी में चयन होने पर घर में खुशी का माहौल है। शकील की इस उपलब्धि ने परिवार और नगर को गौरवान्वित किया है। हाजी तसव्वुर हुसैन ने बताया कि उनके छह बेटों में शकील सबसे छोटे हैं। 

शकील की मेहनत रंग लाई है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का रिजल्ट आने पर जैसे ही परिवार में खबर आई कि उनके बेटे ने 506 रैंक हासिल की है। घर ही नहीं इमली मोहल्ले और मंसूरी समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। तमाम लोगों ने उनके घर जाकर बेटे शकील मंसूरी की इस उपलब्धि पर खुशी का इजहार किया। वहीं हाजी तसव्वुर हुसैन व उनके बेटे कदीर मंसूरी, सगीर मंसूरी आदि ने आने वालों का मुंह मीठा कराया।

हाजी तसब्बर हुसैन के छह बेटे और तीन बेटियां हैं। बड़ा परिवार होने के चलते तसब्बर कभी पोटरगंज मंडी में पल्लेदारी किया करते थे। धीरे-धीरे बेटे बड़े हुए और परिवार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। परिवार बैटरी का कारोबार करता है। 

शकील के भाई सगीर ने बताया कि पूरे परिवार का सपना था कि उन लोगों में से कोई एक पढ़-लिखकर बड़ा मुकाम हासिल करे। सभी भाई-बहन ने पढ़ाई तो की लेकिन सबसे होशियार शकील ही था। इसी वजह से उसकी पढ़ाई कराने में सभी ने ताकत लगा दी। 

कक्षा आठ तक की पढ़ाई शकील ने तिलहर के कैंब्रिज स्कूल से की। इसके बाद नौंवी और दसवीं की पढ़ाई शाहजहांपुर के तक्षशिला पब्लिक स्कूल से की। अलीगढ़ में रहकर 12वीं की परीक्षा पास की। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई करने के बाद शकील दिल्ली चले गए। 

शकील ने जामिया कैंपस में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगे। शकील को चौथे प्रयास में सफलता मिली है। दो बार मेंस और एक बार इंटरव्यू में फेल होने के बावजूद शकील ने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्हें आईपीएस बनने में सफलता मिली है। 

शकील ने दिल्ली से जब फोन पर परिवार को बताया कि वह आईपीएस बन गए हैं तो परिजनों की आंखों में आंसू छलक आए। जैसे ही जानकारी लोगों को हुई तो परिवार को बधाई देने वालों को तांता लग गया। सगीर ने बताया कि शकील हमेशा से देश की सेवा करना चाहता था। आज उसका सपना सच हुआ है।

शकील अहमद, जो उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से हैं, ने इस साल 506वीं रैंक प्राप्त की वहीं  है. वह 2021 से जामिया के आरसीए में तैयारी कर रहे थे. शकील ने इस सफलता को साझा करते हुए कहा कि यह मेरी कड़ी मेहनत और जामिया की उत्कृष्ट कोचिंग का नतीजा है. मैं इस सफलता को अपने परिवार और संस्थान को समर्पित करता हूं।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने आरसीए के सभी चयनित छात्रों को बधाई दी। प्रो. आसिफ ने कहा कि यह सफलता हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि हम समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को सशक्त बनाते हैं. विशेष रूप से हमारी महिला उम्मीदवारों ने असाधारण प्रदर्शन किया है।

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