मंगलवार, 17 अप्रैल 2012

वैश्याओ की हकीकत..

संवाददाता वाजिद अली

दिल्ली। वैश्या जिसे हमारे समाज मे बड़ी गिरी हुई नजरो से देखा जाता और अगर किसी वैश्या के बारे मे समाज के लोगो को पता चल जाता है तो वह उससे किनारा कर लेते है।दिल्ली मे वैश्यावर्ति के लिए मशहुर जगह जीबी रोड जिसे सुन कर औरतो को लाज और युवको के कान खड़े हो जाते है वहा की वैश्याओ की हकीकत ही कुछ निराली है हमारे संवाददाता ने जीबीरोड की वैश्याओ पर एक सर्वे किया जिसमे पता चला है कि वैश्याओ की वैश्यावर्ति से होने वाली कमाई का एक चौथाई भाग ही वैश्याओ तक पहुंच पाता है बाकी का तिहाई हिस्सा दलाल, मकान के मालिक और पुलिस को जाता है। 

इस बारे मे हमारे संवाददाता ने वही की एक वैश्या से बातचीत की जिसका नाम अनामिका (बदला हुआ नाम)था उससे पूछने पर जो पता चला वो काफी चौकाने वाला सच था। दरसअल जो ग्राहक दलाल अपने साथ लेकर आते है ग्राहक की कमाई का एक हिस्सा वह ले जाता है और एक हिस्सा जहा पर देह व्यापार होता है वहा के मालिक का होता है और बचा हुआ तीसरा हिस्सा इलाके की पुलिस को बतौर मंथली के तौर पर दिया जाता है...? यानि अगर देखा जाएं तो 200 रू ग्राहक किसी वैश्या के लिए देता है तो उसमे से महज 50 रू ही वैश्या के पास जाते है और बाकी के 150 रू दलाल, पुलिस, मालिक को चले जाते है जिसे सुन यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई महिला 50 रू की खातिर अपनी इज्जत का सौदा करती है।जब संवाददाता ने अनामिका से देह व्यापार मे आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसकी नई-नई शादी हुई थी शादी के कुछ समय बाद ही उसके पति की मृत्यु हो गई थी म़ृत्यु के बाद ससुराल वालो ने भी घर से बाहर निकाल दिया।

 पश्चिम बंगाल की रहने वाली अनामिका जाती भी तो कहा दिल्ली आने वाली ट्रेन मे बिना कुछ सोचे समझे बैठ गई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन आ गई जहा पर उसे एक दलाल बड़ी देर से देख रहा था।वही से वह उसे काम दिलाने के बहाने जीबी रोड ले आया और देह व्यापार के धंधे मे धकेल दिया अनामिका ने बताया वह मजबूर थी क्योकि खाने के लिए पैसे नही थे और न ही सोने के लिए घर तो उसने देह व्यापार करना कबूल कर लिया इसी तरह उसने कई और लड़कियों के बारे मे भी बताया के किस तरह से वह देह व्यापार के धंधे मे धकेली जाती कुछ वैश्या पेट की मजबूरी के कारण वैश्या बनती है तो कई को जबरन उठाकर वैश्यावर्ति के धंधे के धकेला जाता है।इस पर पुलिस भी चुप रहती है और किसी महिला की मदद को नही आती।

अनामिका के जरिए हमने जब कुछ और वैश्याओ से बातचीत की तो सबने यही बताया कि कोई महिला वैश्या नही बनना चाहती उन्है वैश्या उनकी मजबूरी और समाज बनाता है। क्योकि समाज मे रहने वाली अकेली लड़की को सही नही समझा जाता जिसके चलते उसे समाज मे गिरी हुई नजरो से देखा जाता है जिसके चलते कई महिलाएं वैश्यावर्ति पर उतर आती है कई महिलाएं पेट के लिए वैश्या बनती है तो कई को जबरन वैश्या बनाया जाता है..वजह चाहे जो भी हो पर उसमे कही न कही हमारी सरकार की कमी साफ दिखाई देती है जिसके चलते यह महिला ऐसे घिनोने काम को करने के लिए मजबूर होती है..।इसके लिए सरकार ने कई नए-नए कानून भी बनाए है पर वो खाली कागजो मे बने रह जाते है असल जिंदगी मे यह सब देखने को नही मिलता।

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