शनिवार, 19 मार्च 2016

मुजीब खान बने हिन्दू मुस्लिम एकता सेवा समिति के मटिया महल विधान सभा अध्यक्ष

संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली की मटिया महल विधान सभा के इलाके में हिन्दू मुस्लिम एकता सेवा समिति ने एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया। इस सभा में मुख्य अतिथि के रूप में हिन्दू मुस्लिम एकता सेवा समिति के अध्यक्ष मेहरुद्दीन उस्मानी उपस्थित रहे। इस सभा में इलाके के सीनियर लोगो ने शिरकत की। सभा को संबोधित करते हुये मेहरुद्दीन उस्मानी ने कहा कि इस समय देश बड़े नाजुक दौर से गुजर रहा है कुछ नेता उल्टे सीधे बयान देकर हिन्दू-मुस्लिम के बीच में नफरत की दीवार खड़ी करना चाहते हैं, जिससे देश दो हिस्से में बंट जाए। 

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसे नेताओ के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। हमारी संस्था हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए पूरे देश में मुहिम
चलायेगी, जिससे देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता को बल मिले। हिन्दू-मुस्लिम में भाईचारा होगा तो देश अपने आप तरक्की करेगा। इस मौके पर मेहरुद्दीन उस्मानी ने युवा नेता मुजीब खान को मटिया महल विधान सभा का अध्यक्ष मनोनीत किया। समिति का अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद मुजीब खान ने समिति को यकीन दिलाते हुये कहा कि मै ईमानदारी से हिन्दू-मुस्लिम एकता सेवा समिति और इलाके की सेवा करूँगा और इलाके के लोगों के लिए मैं हर मुश्किल को हल करने के लिए काम करता रहूंगा। समिति के जिला अध्यक्ष मो. जावेद ने कहा कि हमारी समिति गरीबों, मजलूमों, दबे-कुचलों के लिये काम करती है और समाज में फैल रही बुराइयों को रोकने के लिए भी काम करती है। इस मौके पर सोनू ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से एजाज, अहमद, सकलैन, आरिफ, जीशान, असलम आदि ने शिरकत की।





शुक्रवार, 4 मार्च 2016

मुस्लिमों को आतंकवादी न समझें: आसिम

शेख मो. आसिम
संवाददाता

नई दिल्ली। रोजाना नए-नए केसों में अल्पसंख्यकों व दलितों को किसी न किसी बहाने से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाता है और पैसला आने पर वह बेगुनाह पाए जाते हैं परन्तु इस फैसले को आने में सात-आठ साल लग जाते हैं। जिससे एक नौजवान अपने पूरे कैरियर का समय जेल में बिता चुका होता है। यह उसके साथ नाइंसाफी है। यह कहना है सामाजिक कार्यंकर्ता शेख मो. आसिम का।

इसी सिलसिले में शेख मो. आसिम व उनके साथी दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन कमर अहमद से मिले और उन्हें एक ज्ञापन दिया जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई जैसे मुस्लिमों की गलत गिरफ्तारियों पर रोक लगे। जो लोग आतंकवाद के नाम पर 10-10 साल जेल में रहते हैं और बाद में बाइज्जत बरी कर दिए जाते हैं। ऐसे लोगों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाए। सांप्रादायिक दंगों में मारे गए लोगों के बच्चों को मुआवजा दिया जाए। आतंकवाद के नाम पर गलत तरीके से गिरफ्तार करने वाले अफसरों पर कानूनी कार्यवाही की जाए व उनके कारण हुए नुकसान की भरपायी करवाई जाए। भड़काऊ भाषण देकर देश में नफरत पैलाने वाले नेताओं के खिलाफ कार्यंवाही की जाए। उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा कि भारत का मुसलमान अपने देश से बहुत प्यार करता है। आतंकवाद को बिल्वुल भी पसंद नहीं करता।

हमारी हुकूमत को चाहिए कि मुसलमान नौजवानों से देश की तरक्की के लिए काम लिया जाए न कि इन्हें जेलों में डालकर इनका वैरियर बर्बाद किया जाए। क्योंकि देश में रहने वाला हर व्यक्ति देश का हिस्सा है। आपस में नफरतें पैलाने वालों, जगह-जगह दंगा भड़काने वालों, गलत बयानबाजी करने वालों, दहशतगर्दी के नाम पर झूठे मुकदमों में फंसाने वालों के खिलाफ हुकूमत को सख्त कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए जिससे देश की शांति भंग न हो। जो लोग हकीकत में सजा के हकदार हैं चाहे वो हिन्दू हों या मुसलमान उन्हें सजा दी जाए और जो लोग आतंकवाद के नाम पर नाजायज तरीके से सताए गए हैं और उनका कैरियर खराब किया जा चुका है। ऐसे लोगों को मुआवजा दिया जाए चाहे वो किसी भी धर्म के हों या किसी भी जाति के हों।

इस संबंध में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन कमर अहमद ने आश्वासन दिया कि उनकी आवाज को सरकार पहुंचाएंगे ताकि बेगुनाहों को गिरफ्तारी से बचाया जा सके।



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