बुधवार, 30 सितंबर 2015

सिलिकॉन वैली से डिजिटल क्रांति का नाद

 

अवधेश कुमार

यह अकारण नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा में सबसे ज्यादा दो दिनों का समय सिलिकन वैली में लगाया। सिलिकॉन वैली का परिचय देने की आवश्यकता नहीं है। सूचना तकनीकों, इंटरनेट से लेकर सोशल नेटवर्किंग साइटों की क्रांति यहीं से पूरी दुनिया में फैली है। इसे आविष्कार की नगरी और तकनीक का गढ़ कहा जाता है। सेमिकंडक्टर और इंटिग्रेटेड सर्किट समेत कंप्यूटर के तमाम कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियां यहां हैं। सिलकन वैली की स्मार्टफोन से जुड़ी तकनीक ईजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका है, रक्षा-अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े शोध-विकास कार्य भी यहां होते हैं। आजकल सॉटवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम और यूजर इंटरफेस तकनीक के निर्माण पर कंपनियों का ज्यादा जोर है। यह एप्पल,फेसबुक,गूगल,माइक्रोसॉट,एडोब सिस्टम्स,याहू,आईबीएम, लिंक्ड-इन, एमेजॉन, ट्विटर, इंटेल, सिस्को सिस्टम्स, ई-बे, ओरैकल कॉर्पाेरेशन, नेटलिक्स जैसी टेक कंपनियां यहीं हैं। अमेरिका का 40 प्रतिशत औद्योगिक निवेश यहीं से होता है। कई नेता यहां मोदी के पहले जा चुके हैं और वहां के सहयोग से अपने देशों मंें डिजिटल सेवा के द्वारा जीवन शैली में सुधार की कोशिश कर रहे हैं। फिर इस वैली में भारतीय काफी संख्या मंे है। तीन बड़ी कंपनियों के सीईओ गूगल (सुंदर पिचई), माइक्रोसॉट (सत्या नाडेला) और एडोब (शांतनु नारायण) भारतीय हैं। यहां 16 प्रतिशत के करीब टेक स्टार्ट-अप कंपनियों की स्थापना भारतीयों ने की, ज्यादातर कर्मी भी भारत के है।

जाहिर है, दुनिया के अनेक देशों की नजरें मोदी के सिलकॉन वैली यात्रा पर लगी रही होगी कि आखिर वे वहां क्या करते है,बोलते हैं, क्या लेकर वापस आते हैं। कैलिफोर्निया के सैन होज़े में उतरने के साथ ही मोदी का कार्यक्रम आरंभ हो गया था। तकनीकी कंपनियों के शीर्ष सीइओ के साथ डिजिटल डिनर का कार्यक्रम रखा था। उसी में मुलाकात, भाषण, बातचीत सब शामिल थे। मोदी के उस डिजिटल रात्रिभोज में लगभग सभी प्रमुख डिजीटल कंपनियों के सीइओ शामिल हुए। यह उस कार्यक्रम की अपने आप सफलता का बयान करती है। डिजिटल इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख सपना है। वे स्वयं इसे जितना महत्व देते है वह जगजाहिर है। यह अकारण नहीं है कि उनने  खासतौर पर अपनी अमेरिका यात्रा के 2 दिन सिलिकन वैली के नाम किए। वे फेसबुक मुख्यालय गए, गूगल मुख्यालय गए...उनकी तकनीकी आधार और कार्य संस्कृति को समझा। फेसबुक मुख्यालय में उसके प्रमुख मार्क जकरबर्ग के साथ चार प्रश्नों के उत्तर दिए, गूगल मुख्यालय में उसके प्रमुख सुन्दर पचाई के साथ छोटा संबोधन दिया। वैसे पिछले 33 वर्षों में सिलिकॉन वैली जाने वाले नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। मोदी के सैन जोस एयरपोर्ट पर पहुंचते ही कैलिफोर्निया के मेयर सैम लिकार्डाे ने अपनी पत्नी और भारतीय समुदाय के लोगों के साथ उनका स्वागत किया। जाहिर है, मोदी के लिए वहां अनुकूल माहौल बना हुआ था। प्रश्न है कि उन्होंने वहां ऐसा क्या कहा जिससे भविष्य का कुछ आभास मिले? जो कुछ उन्होंने कहा कि उसका उसी प्रकार का प्रभाव हुआ जैसा वो चाहते थे?

डिजीटल इंडिया के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूचना तकनीक और सोशल नेटवर्किंग के बारे में सबसे पहली अपनी सोच को स्पष्ट किया, उसके बाद भारत में उसके उपयोग की स्थिति की चर्चा की, फिर योजनाएं बताईं उसके बाद सीईओ को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर हमारी नई दुनिया के नए पड़ोसी बन गए हैं। आप में दुनिया बदलने की क्षमता है। आज ट्विटर पर हर कोई रिपोर्टर बन गया है। गूगल ने शिक्षकों को रिपोर्टर बना दिया। सोशल मीडिया दुनिया को प्रभावित कर रहा है। युवाओं के बीच बहस का सबसे मुख्य मुद्दा है-एंड्रॉइड, आईओएस और विंडोज के बीच क्या चुना जाए। हालात यह हैं कि अब आप जागते या सोते नहीं, बल्कि ऑनलाइन या ऑफलाइन होते हैं। सोशल मीडिया ने सामाजिक भेदभाव को कम किया है। यह लोगों को ह्यूमन वैल्यूज के आधार पर जोड़ता है, हमारी धार्मिक या सामाजिक पहचान पर नहीं। इसके माध्यम से सुशासन और विकास बेहतर तरीके से हो सकता है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट की मदद से हम यह जान पाने में सक्षम हुए हैं कि कौन-कौन से ऐप्स गवर्नेंस को तेज और बेहतर तरीके से चला सकते हैं। इस तरह उन्होंने वहां उपस्थित सीइओ को यह बताया कि वो डिजिटलाइजेशन को किस तरह देखते हैं। उनकी सोच और अवधारणा क्या है। ऐसा बोलना इसलिए जरुरी होता है ताकि वे यह समझ जाएं कि इनकी समझ सही और सुस्पष्ट है। अगर समझ सही है तो ही रास्ता सही हो सकता है। उसके बाद मोदी ने अपनी योजनाओं से विस्तार दिया। उन्होंने कहा कि भारत में हम हर स्कूल और कॉलेज को ब्रॉडबैंड से जोड़ेंगे। हम पब्लिक वाईफाई हॉटस्पॉट की तादाद बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हम पांच सौ रेलवे स्टेशन पर गूगल की मदद से वाईफाई लाने की कोशिश कर रहे हैं। 1 अरब सेलफोन वाले देश में हम एम गवर्नेंस यानी मोबाइल गवर्नेंस को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत को बदलने के लिए डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को इस पैमाने पर लाया गया जैसा शायद मानव इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।

फिर मोदी ने यह बताया कि किस तरह उनके देश में आम लोग भी सूचना संसाधनों को प्रयोग कर रहे हैं। मसलन, उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं से डाउनलोड के बारे में सुनकर हैरान रह जाता हूं। सेल्फी विद डॉटर के माध्यम से लोगों ने अपने फोटो भेजे जो सचमुच आश्चर्य करने वाले थे। ध्यान रखिए मोदी ने अपने 10 वें मन की बात में लोगों से सेल्फी विद डॉटर का आह्वान किया था एवं लोगों से बेटी के साथ सेल्फी लेकर भेजने की अपील की थी।  मोदी ने वहां बताया कि  आदिवासी महिलायें भी मोबाइल कैमरे से फोटो लेने लगी हैं। महाराष्ट्र में किसानों का वॉट्सऐप ग्रुप है, जिसपर खेती की तकनीक से जुड़े टिप्स शेयर किए जाते हैं। सोशल मीडिया ने सामाजिक बंधनों को तोड़ दिया है। लोगों से जुड़ने के लिए नरेंद्र मोदी एप्प शुरू किया गया है।  हम देश को डिजीटल कनेक्ट करना चाहते हैं।  मोदी पहले कई बार कह चुके हैं कि हाइवे के साथ-साथ आइवेज यानी इन्फौर्मेशन वेज भी काफी जरूरी है। यही उन्होंने वहां भी कहा। उन्होंने पेपर लेस ट्रांजेक्शन की दिशा में काम करने के लक्ष्य की बात की और कहा कि हम सरकार को पारदर्शी और प्रभावी बना रहे हैं। इंटरनेट के इस्तेमाल की वजह से ऐसे एप्लिकेशन की पहचान करने में कामयाब हुए हैं, जो गवर्नेंस को तेज और बेहतर बनाता है।

इस तरह मोदी ने पहले सूचना संसाधनों के प्रभावों के बारे में अपनी सोच फिर इस प्रकार मोदी ने तीनों विन्दुओं सूचना संसाधन की अवधारणा, उसका बड़ी सीमा तक दूरस्थ गांवों में हो रहे व्यापक उपयोग तथा डिजिटल इंडिया योजनाआंें का जिक्र करके सारे सीइओ को यह भान कराया कि भारत में कारोबार की संभावनाएं व्यापक हैं। उन्होंने कहा भी कि यहां मंच पर आप डिजिटल इकोनॉमी में भारत और अमेरिका की परफेक्ट पार्टनरशिप की तस्वीर देख सकते हैं। मंच पर उनके साथ एप्पल के सीईओ टिम कुक, माइक्रोसॉट के सीईओ सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई आदि उपस्थित थे। वे सब मोदी की सोच एवं उनकी योजनाओं से कितने प्रभावित थे यह उनके भाषणों और बाद में दिए गए वक्तव्यों से पता चलता है।  टिम कुक ने कहा कि उनकी कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स प्ररेणा लेने के लिए भारत गए थे। वहां से आकर उनने अपना काम आरंभ किया। भारत के साथ उनकी कंपनी का अनोखा रिश्ता है। टिम ने यह भी कहा कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात जबरदस्त रही। माइक्रोसॉट के सीईओ सत्या नडेला ने कहा कि डिजिटल इंडिया भारत में डिजिटल विभिन्नता की चुनौतियों का समाधान लेकर आएगी।

वहीं कई कंपनियों ने भारत में अपने कार्य विस्तार की योजनाएं भी बता दीं। मसलन, सत्या नडेला ने कहा कि हमारी कंपनी भारत में कम कीमत पर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देना चाहती है। हम भारत में अपनी तकनीक को गांवों तक पहुंचाना चाहते हैं। सूरत में हम म्यूनिसिपैलिटीज और आम लोगों के साथ मिलकर डाटा एनालिटिक सिस्टम पर काम कर रहे हैं। हम 5 हजार गांवों तक अपनी तकनीक ले जाना चाहते हैं। गूगल के सुंदर पिचाई ने अमेरिका के बाद भारत के तेलांगना में सबसे बड़ा अपना केन्द्र बनाने, भारत में कर्मचारियों की संख्या दोगुणी तथा 500 रेलवे स्टेशनों को घोषणा के अनुरुप वाईफाई से जोड़ने की योजना पर तेजी से काम करने की बात की। गूगल 11 भारतीय भाषाओं में एंड्रॉयड उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। गूगल मुख्यालय में प्रधानमंत्री को बताया कि उनके आने की सुनकर वहां 55 ऐप्प बनाए गए हैं। इसको भी समझकर उपयोग करने का वायदा मोदी ने किया। गांवों में सस्ती दरों पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए फेसबुक ने इंटरनेट डॉट ओआरजी सेवा शुरु करने की जानकारी दी। क्वॉलकॉम के पॉल जैकब्स ने कहा कि वे भारत के डिजिटल इंडिया कैंपेन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। क्वालकॉम भारतीय स्टार्टअप में अन्वेषण के लिए 15 करोड़ का कोष बनाएगी, डिजिटल इंडिया के लिए एक लैब बनाने की घोषणा भी की गई। एप्प्पल भारत में मैन्यूफैक्चरिंग केन्द्र स्थापित करेगा। फॉक्सनौन ने एप्पल की तरह ही विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगा। सिस्को के जॉन चैम्बर्स ने मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि आप दुनिया को बदलोगे। आप भारत को बदलोगे।

इस तरह कहा जा सकता है कि यहां के सीइओ प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया योजना से केवल उत्साहित नहीं, उसमें काम करने की तैयारी में भी दिखे।  इस तरह डिजिटल इंडिया एवं निवेश की दृष्टि से सिलकॉन वैली की यात्रा को सफल कहा जा सकता है।कहने का तात्पर्य यह कि सिलिकॉन वैली से मोदी अपने डिजिटल इंडिया के सपने के लिए काफी कुछ लाने की उम्मीद से भरकर लौटे हैं। वैसे हमें इसके फलीभूत होते देखने के लिए अभी प्रतीक्षा करनी होगी। 

अवधेश कुमार, ई.ः30,गणेश नगर, पांडव नगर कॉम्प्लेक्स, दिल्लीः110092, दूर.ः01122483408, 09811027208

 

 

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