शुक्रवार, 7 मार्च 2025

यूक्रेन, यूरोप एवं ट्रंप

अवधेश कुमार

यूक्रेन मोर्चे पर अंतिम समाचार यह है कि ब्रिटेन फ्रांस और यूक्रेन ने मिलकर एक युद्धविराम योजना बनाई है जिसे अमेरिका के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टोर्मर की बात मानें तो इस पर लगभग सहमति बन गई है । युद्ध समाप्त करने पर चर्चा के लिए यूरोपीय नेताओं के साथ 2 मार्च को शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन में फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, स्पेन, कनाडा, फिनलैंड, स्वीडन, चेक गणराज और रोमानिया के नेता के अलावा तुर्किये के विदेश मंत्री, नाटो महासचिव तथा यूरोपीय आयोग और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने भाग लिया। विश्व की दृष्टि से यह यूरोप का  संपूर्ण सशक्त शिखर सम्मेलन था। विश्व ने देखा कि किस तरह यूरोपीय नेताओं ने वोलिदिमीर जेलेंस्की की आवभगत की तथा उन्हें महत्व दिया। ओवल ऑफिस यानी अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय से निकलने के बाद जेलेंस्की सीधे ब्रिटेन आए और प्रधानमंत्री स्टोर्मर ने उन्हें गले लगाया और कहा कि उन्हें उनके देश का अटूट समर्थन प्राप्त है तो इसके पीछे तत्काल ट्रंप एवं दुनिया को एक संदेश देने की रणनीति है। वास्तव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस ढंग से यूक्रेन पर अपने तेवर दिखाए और पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो के साथ उनकी बहस हुई तथा  यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलिंस्की को व्हाइट हाउस  से बाहर किया गया वह दुनिया में सबसे बड़ी हलचल मचाने वाली घटना बन गई।  अमेरिकी इतिहास की यह पहली घटना थी जब व्हाइट हाउस में दो नेताओं के बीच इस तरह बहस हुई, दोनों उंगली उठाते दिखे तथा किसी विदेशी मेहमान को वहां से बाहर निकालना पड़ा। प्रश्न है की अभी आगे होगा क्या? 

ऐसा दिख रहा है कि यूरोप के ज्यादातर नेता इस समय जेलेंस्की के साथ है।। हालांकि वर्तमान यूरोपीय नेता अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में उथल-पुथल के परिणाम से आशंकित हैं और वे संतुलित आचरण की कोशिश कर रहे हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने सधे हुए वक्तव्य में कहा कि अब हम इस बात पर सहमत हो गए हैं कि ब्रिटेन, फ्रांस और संभवतः एक या दो अन्य देशों के साथ मिलकर यूक्रेन के साथ लड़ाई रोकने की योजना पर काम किया जाएगा और फिर उस पर अमेरिका के साथ चर्चा करेंगे। स्टार्मर ने कहा कि उन्हें व्लादिमीर पुतिन पर विश्वास नहीं है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप पर विश्वास है और वह जब कहते हैं कि उन्हें शांति चाहिए तो हम मांग कर चलते हैं कि वह यही चाहते हैं। इसमें दो मत नहीं कि कोई समझौता स्थाई शांति की गारंटी होनी चाहिए। इसलिए स्टार्मर अगर कह रहे हैं कि हम अस्थाई युद्ध विराम का जोखिम नहीं ले सकते तो सामान्य तौर पर इसे असहमत होना कठिन है।उनका यह कहना कि युद्ध समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं आकर्षित तो करता है किंतु स्वयं इस समय की अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में देश की भूमिका ही इसके मार्ग की बड़ी बाधा है। एक बड़े समूह को डोनाल्ड ट्रंप का व्यवहार अटपटा और एकपक्षीय लग सकता है। धीरे-धीरे विश्व में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है जो मानते हैं कि उनका व्यवहार गलत नहीं है। एक समय यूक्रेन के प्रति विश्व की सहानुभूति थी और यह सच है कि अमेरिका और यूरोप की मदद के कारण पुतिन की युद्ध योजना पर तुषारापात हुआ। यूक्रेन जैसे छोटे देश को घुटनों पर लाना उनके लिए कठिन हो गया। किंतु पूरे काला सागर सहित क्रीमिया के क्षेत्र को देखें तो वहां लंबे समय से यूरोप की भूमिका के कारण ही स्थिति इतनी जटिल है कि उनका स्थाई निपटारा संभव नहीं। सोवियत संघ जिन राज्यों को मिलकर बना उनमें ज्यादातर आज स्वतंत्र हैं , पर उनकी भौगोलिक सीमाएं खासकर समुद्र में और आसपास इतनी स्पष्ट नहीं है।

न भूलिए कि प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय युद्ध विश्व युद्ध के पीछे उसे क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताएं और राजनीतिक व्यवहार की बड़ी भूमिका थी। द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बावजूद अमेरिका के समक्ष सोवियत संघ के दूसरी महाशक्ति के रूप में खड़ा होने के कारण थोड़ा संतुलन रहा तथा यूरोप के प्रमुख देशों ने आपस में  भौगोलिक जटिलताएं खत्म कीं, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर लगाम लगाई। बावजूद न संपूर्ण यूरोप के लिए और न विश्व के लिए अस्थाई सुरक्षा और शांति सुनिश्चित हुई। सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो और उसकी सेना कायम रही। अगर अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने की ओर कदम आगे नहीं बढ़ते तथा उसे शास्त्रास्त्र नहीं देते तो पुतिन के लिए इस तरह आक्रमण करने का आधार नहीं बनता। इन देशों ने पोलैंड के साथ भी यही किया। शेष विषयों को छोड़ दें तो यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेस्की यह घोषणा कर देते कि वह नाटो का सदस्य नहीं बनेंगे तो भी शायद स्थिति इतनी बिगड़ती नहीं।

सच यह है कि यूक्रेन रूस युद्ध विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार कर चुका है। नहीं रुका तो दुनिया कई प्रकार के संघर्षों में उलझ जाएगी। कई बार आपको शांति के लिए दबाव और अन्य बाध्यकारी दबावकारी कड़े भी कदम उठाने पड़ते हैं। ऐसा लग रहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए ढी ट्रंप ने इस स्तर कड़ा रुख अपनाया है। अगर ट्रंप तेवर करार नहीं किया होता तथा अपने चरित्र के अनुसार छोड़ना से खरी-खरी नहीं बोलते नहीं होते तो न यूरोपीय देश बैठते और न नए सिरे से विचार होता। जेलेंस्की को भी अमेरिका के महत्व का पता है और उन्होंने कहा है कि वह खनिज पर समझौते के लिए फिर से व्हाइट हाउस जाने को तैयार हैं। लेकिन उन्हें सुरक्षा की गारंटी चाहिए। जेलेंस्की विश्व इतिहास को ठीक से देखें। कोई देश किसी की सुरक्षा की स्थाई गारंटी नहीं दे सकता। इस समय उन्हें गारंटी दी जा सकती है। बस, वे स्वयं को भी बड़ी सैन्य शक्ति बनने या ऐसी अन्य महत्वाकांक्षाओं से अलग रखें। यूरोपीय देशों को भी समझना होगा कि पहले की तरह यूक्रेन की सैन्य और कूटनीतिक मदद जारी रखकर वे कुछ समय तक आर्थिक लाभ पा सकते हैं, रुस और उसे भी दबाव में रह सकता है लेकिन यह विश्व को बड़े संकट में फंसाने वाला भी साबित होगा। ट्रंप के रुख और रणनीति से ऐसा लगता नहीं कि वे आसानी से शांत होंगे। वैसे वर्तमान विश्व में अमेरिका का राष्ट्रपति युद्ध रोकने की बात करते हुए इसी तरह का कड़ा तेवर बनाए रखेगा तभी इसका कोई समाधान निकलेगा। इस दृष्टि से देखें तो ट्रंप का रवैया कम से कम तत्काल विश्व युद्ध रोकने वाला भी दिखेगा। 

वर्तमान विश्व में कोई एक देश आदर्शवादी या राष्ट्रीय स्वार्थ से परे होकर व्यवहार करने की स्थिति में है ही नहीं। तो हम अमेरिका से ही इसकी अपेक्षा क्यों रखें?  ऐसा नहीं है कि यूरोप को यह बात समझ में नहीं आ रही हों। स्वयं जेलेंस्की नए सिरे से अपनी नीति पर पुनर्विचार नहीं कर रहे हो यह भी नहीं माना जा सकता। कस्टमर का यह वक्तव्य कि हमारे पास यूक्रेन में न्यायपूर्ण और स्थाई शांति सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आने का अवसर है जो उनकी संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित करगा ट्रंप के रवैया के कारण ही आया है। स्थिति ऐसी है जिसमें कोई अचानक स्वयं को दोषी मानकर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं होग। यूरोपीय देशों में तत्काल सबसे ज्यादा सक्रिय ब्रिटेन और फ्रांस को भी अपनी शक्ति की सीमाओं का आभास होगा। अमेरिका के साथ यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था इतनी आबद्ध है कि वह इससे बिल्कुल अलग हटकर एकाएक नई सशक्त सुरक्षा प्रणाली उत्पन्न नहीं कर सकते। ब्रिटेन का तो नाभिकीय ढांचों तक अमेरिका के साथ अविच्छिन्न जुड़ाव है। उनको पूरी तरह अलग कर अमेरिका के विरुद्ध जाना इस समय असंभव लगता है। इसलिए उनके अंदर भी नए सिरे से मंथन चल रहा है। यद्यपि मैक्रो ने ट्रंप की बातों को अपनी दृष्टि से काटा तथा कहा कि वे यूक्रेन को शस्त्र देकर कीमत नहीं ले रहे हैं जैसा वह कह रहे हैं किंतु वह भी एकपक्षीय बात ही थी। ट्रंप के नीति का एक पहलू शायद यही है कि एक बार सभी के समक्ष इतना कर आक्रामक व्यवहार करो तथा ऐसे तेवर दिखाओ जिसकी उन्हें कल्पना नहीं हो ताकि सभी दबाव में आकर युद्ध रोकने के लिए तैयार हो। ट्रंप अड़े रहते हैं तो भविष्य में एक सहमतिकारक समझौता संभव है। कम से कम तत्काल विश्व के हित में होगा और आगे इस पर शांति की कोशिश हो सकती है। 

अवधेश कुमार, ई-30, गणेश नगर, पांडव नगर कंपलेक्स, दिल्ली -110092, मोबाइल-9811027208

सुव्यवस्थित संचालित हुई सीनियर सैकेण्डरी एवं डी.एल.एड. की परीक्षाएं

-  परीक्षा ड्यूटी में कौताही बरतने पर 06 पर्यवेक्षक कार्यभार मुक्त

-   31 अनुचित साधन प्रयोग के केस दर्ज

संवाददाता

भिवानी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ० मुनीश नागपाल, ह.प्र.से. ने बताया कि आज सैकेण्डरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) एवं डी.एल.एड.(रि-अपीयर) की विषय की परीक्षा में प्रदेशभर में कुल 31 अनुचित साधन प्रयोग के केस दर्ज किए गए, जिसमें 06 प्रतिरूपण के मामले शामिल है। आज संचालित हुई सैकेण्डरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) हिन्दी विषय की परीक्षा में 2,84,809 परीक्षार्थी तथा डी.एल.एड.(रि-अपीयर) की Pedagogy of Hindi Language विषय की परीक्षा में 442 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए।

बोर्ड सचिव ने बताया कि बोर्ड अध्यक्ष के उडऩदस्ते द्वारा जिला- अम्बाला के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया, जहां परीक्षा शान्तिपूर्वक संचालित हो रही थी।
उन्होंने आगे बताया कि उनके स्वयं के उडऩदस्ते द्वारा सोनीपत जिले के परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया गया, जहां परीक्षा केन्द्र रा.क.व.मा.वि., शामड़ी (गोहाना) के निरीक्षण के दौरान अनजान व्यक्ति की सूचना पर केन्द्र के नजदीक एक मकान पर पंहुचे और जांच के दौरान एक नोट बुक मिली, जिसके अन्तिम पृष्ठ पर कुछ बच्चों के नाम, अनुक्रमांक व सैट कोड पाए गए। केन्द्र अधीक्षक द्वारा सीटिंग प्लान की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सैट कोड आज बच्चों का दिए गए प्रश्र-पत्रों के अनुसार ही हैं। मौके पर मौजूद सभी महिला/पुरूषों व उनके मोबाइल फोन व नोट बुक को पुलिस के हवाले करते हुए थाना सदर, गोहाना में दरखास्त दे दी गई है। इसके अतिरिक्त उडऩदस्तें द्वारा इसी केन्द्र से श्री जितेन्द्र, टीजीटी-सीपीयू गीता वि.म.व.मा.वि., गोहाना, सुश्री अनु रानी,टीजीटी-पीएचई, हैप्पी उच्च विद्यालय, जागसी, श्री कृष्ण कुमार, टीजीटी-एसएस, रा.उ.वि.,एसपी माजरा को परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही के कारण कार्यभार मुक्त किया गया। उडऩदस्ते द्वारा परीक्षा केन्द्र रा.क.उ.वि.,बिचपड़ी से श्री मोनू, हिन्दी अध्यापक को केन्द्र अधीक्षक को जारी निर्देशों की उल्लंघना करने पर कार्यभार मुक्त किया गया।
उन्होंने बताया कि उप-मण्डल प्रश्र पत्र उडऩदस्ता, सफीदों(जीन्द) द्वारा परीक्षा केन्द्र विवेकानन्द.व.मा.वि., पिल्लुखेड़ा-3 में नियुक्त पर्यवेक्षक श्रीमती निशा, टीजीटी, अमर व.मा.वि., अमरावली खेड़ा एवं भिवानी से संचालित एसटीएफ-1 द्वारा परीक्षा केन्द्र रा.व.मा.वि., अकबरपुर बरौटा में नियुक्त श्री तिलकराज, टीजीटी, रा.व.मा.वि., गढ़ मिरकपुर से डयूटी में कोताही बरतने केे कारण ड्यूटी से कार्यभार मुक्त किया गया। परीक्षा ड्यूटी में कौताही बरतने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु शिक्षा विभाग को लिखा जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि केन्द्र अधीक्षक नुंह-25,  रा.मि.वि.,सोंख द्वारा प्रतिरूपण के 04 तथा केन्द्र अधीक्षक नुंह-31,हाजी बक्शी मैमोरियल व.मा.वि., सतपुतियाका द्वारा 01 एवं केन्द्र अधीक्षक हिसार-50, गुरू जम्भेश्वर व.मा.वि., जवाहर नगर द्वारा प्रतिरूपण का 01 मामला दर्ज किया गया, जहां नकली परीक्षार्थी असली परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे, जिनके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी गई है।
उन्होंने बताया कि 10 मार्च को संचालित होने वाली सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) की इतिहास एवं जीव विज्ञान विषय की परीक्षा में 1,10,612 परीक्षार्थी तथा डी.एल.एड. (रि-अपीयर) की Proficiency & Pedagogy of Mathematics Education विषय की परीक्षा में 1346 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट होगें।
बोर्ड सचिव ने आगे बताया कि परीक्षा केन्द्र रा.क.व.मा.वि. चांग-1(भिवानी) पर उडऩदस्ते द्वारा निरीक्षण के दौरान वस्तुनिष्ठ प्रश्र हल पाए जाने एवं परीक्षा की पवित्रता भंग होने के कारण 05 मार्च, 2025 को संचालित हुई संस्कृत, शारीरिक शिक्षा, ड्रांईग व संगीत विषयों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इस परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त स्टाफ को तुरन्त प्रभाव से रिलीव करते हुए नया स्टाफ नियुक्त कर दिया गया है, जिसमें श्री गणेश दास,पीजीटी-भुगोल, पी.एम.श्री रा.क.व.मा.वि., भिवानी को केन्द्र अधीक्षक, श्री जितेन्द्र पीजीटी-भुगोल, रा.व.मा.वि., बजीना (तोशाम) व श्री सुरेन्द्र, पीजीटी-हिन्दी, रा.व.मा.वि., खरकड़ी (लोहारू) को उप-अधीक्षक तथा श्रीमती मोनिका, पीजीटी-जीव विज्ञान, रा.व.मा.वि., खरकड़ी(लोहारू) श्रीमती ममता शर्मा, पीजीटी-संस्कृत,पी.एम.श्री लोहारू, श्रीमती सुमन लता, पीजीटी-हिन्दी, रा.व.मा.वि., मंढ़ोली कंला(बहल), श्रीमती सुनिता देवी,पी.ई.ए., रा.उ.वि., दरियापुर(सिवानी), श्रीमती मीनु,पी.ई.ए., रा.मि.स्कूल मिठ्ठन, (लोहारू), श्री प्रवीन पी.ई.ए., रा.हाई.स्कूल झुंपा कंला (लोहारू), श्री राज कुमार,जेबीटी, रा.प्रा.पा.सोरडा जाडिड (बहल), श्री अमरजीत,जेबीटी, रा.प्रा.पा. शीमली (कैरू), श्रीमती अंजु देवी, जेबीटी, रा.प्रा.पा. निगाना खुर्द(तोशाम) व श्रीमती कविता,वी.टी., रा.व.मा.वि., ढिग़ावा(लोहारू) को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया हैं।  
उन्होंने बताया कि जिला-नुंह के परीक्षा केन्द्र रा.व.मा.वि.,टपकान-02(बी-02) तथा परीक्षा केन्द्र रा.व.मा.वि., आगरा चौक, पलवल-33(बी-03) पर 27 फरवरी, 2025 को संचालित हुई सीनियर सैकेण्डरी की अंग्रेजी कोर विषय तथा 28 फरवरी, 2025 को जिला झज्जर के परीक्षा केन्द्र रा.उ.वि. गंगटान, रा.व.मा.वि., डावला-01 व जिला नुंह के परीक्षा केन्द्र रा.व.मा.वि., पुन्हाना-03(बी-1) एवं जिला -पलवल के परीक्षा केन्द्र रा.क.व.मा.वि., होडल-09(बी-1) व होडल-10(बी-2) पर संचालित हुई सैकेण्डरी की गणित विषय की परीक्षा को परीक्षा की पवित्रता भंग होने के कारण रद्द कर दिया गया है।

---------

http://mohdriyaz9540.blogspot.com/

http://nilimapalm.blogspot.com/

musarrat-times.blogspot.com

http://naipeedhi-naisoch.blogspot.com/

http://azadsochfoundationtrust.blogspot.com/