शुक्रवार, 6 मई 2016

कांग्रेस को लोकतंत्र बचाओ रैली से क्या हासिल हुआ

 

अवधेश कुमार

तो देश ने एक साथ सत्तारुढ़ तथा मुख्य विपक्षी पार्टी को आमने-सामने देखा। एक ओर कांग्रेस यदि लोकतंत्र बचाओ मोर्चा नाम से रैली और संसद की ओर मार्च कर रही थी तो भाजपा के सांसदों ने उनके विरुद्ध संसद परिसर में समानांतर धरना दिया। ऐसा कम होता है जब एक ही दिन इस तरह विपक्ष और सरकार दोनों सड़कों पर दिखाई दें। इससे पता चलता है कि आने वाले समय में दोनों पक्षों में किस तरह का टकराव होने वाला है। कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं ने जंतर मंतर से मार्च निकाला और संसद मार्ग थाना में कुछ मिनटों की गिरफ्तारी भी दी। यह गिरफ्तारी हालांकि औपचारिक ही होती है। आप संसद भवन तक जाना चाहते हैं और पुलिस आपको रोकती है। आप जाने की जिद करते हैं तो गिरफ्तारी होती है। यह वहां के लिए रुटिन जैसा कार्यक्रम होता है। किंतु यह भी लंबे समय बाद है जब कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने कुछ मिनट क लिए ही सही गिरफ्तारी दी। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह जैसे नेताओं की ऐसी प्रतीकात्मक गिरफ्तारी भी सुर्खिंयां तो पाएंगी ही। इसके द्वारा कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि वह सरकार से लंबे समय के लिए टकराव का मन बना चुकी है।

अगर रैली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के भाषण को सुनें तो उससे बहुत कुछ साफ हो जाता है। सोनिया गांधी ने कहा कि जिस ढंग से हमको धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है, बदनाम किया जा रहा है उससे हम डरने वाले नहीं हैं। हमें तो जीवन ने संघर्ष करना सिखाया है हम संधर्ष करेंगे। राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में सरकार गिराने की चर्चा की। मनमोहन सिंह ने कहा कि कुछ बात है कि हस्ती मिटनी नहीं हमारी सदियों रहा दुश्मन दौरे जहां हमारा। वास्तव में नेतागण संदेश यह दे रहे थे कि मोदी सरकार जानबूझकर कांग्रेस के नेताआंे की छवि को बदनाम करने, उनके खिलाफ कानून का दुरुपयोग करने तथा सरकारों को संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग कर खत्म करने पर उतारु है। यानी कुल मिलाकर वे यह कह रहे थे कि मोदी सरकार कांग्रेस को समाप्त करने का षडयंत्र रच रही है लेकिन वह कर नही ंपाएगी, हमने उनसे दो दो हाथ करने के लिए कमर कस लिया है। सोनिया गांधी ने देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संघर्ष करने का संदेश दिया। इसका अर्थ हुआ कि हम आने वाले समय में कांग्रेस की ओर से धरना, प्रदर्शन, प्रेस वार्ता, संसद में हंगामा आदि के माध्यम से सरकार विरोधी तेवर लगातार देखेंगे।

प्रश्न उठाया जा सकता है कि इसके समानांतर संसद भवन परिसर के अंदर गांधी जी की प्रतिमा के सामने भाजपा सांसदों के धरने का क्या तुक था? उनका कहना था कि कांग्रेस रक्षा सौदों में दलाली खाकर चाहती है कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न हो। भाजपा सांसद गांधी जी के प्रसिद्ध भजन रघुपति राघव राजा राम पर कई प्रकार की तुकबंदी करके कांग्रेस को दलाली खाने वाली पार्टी साबित कर रहे थे। संसद सत्र चल रहा है तो ऐसे कार्यक्रम आसानी से आयोजित हो जाते हैं। इससे भाजपा एवं मोदी सरकार को इतना लाभ हुआ कि पूरा फोकस केवल कांग्रेस पर नहीं रहा। राजनीति में जब तू डाल डाल हम पात पात की प्रतिस्पर्धा हो तो उसमें यह सफलता भी पार्टियांे के लिए मायने रखतीं हैं। हालांकि आम प्रतिक्रिया यह है कि विपक्ष धरना प्रदर्शन करे उससे अप्रभावित रहते हुए सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से समानांतर धरना प्रदर्शन में कोई समस्या नही है, पर यह पर्याप्त नहीं है।  देश सरकार से इस दलाली पर कार्रवाई चाहता है। दलालों और घूसखोरों को जेल में देखना चाहता है।  

कांग्रेस की समस्या समझ में आने वाली है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घूसकांड पर इटली के मिलान कोर्ट ने फैसला में कांग्रेस नेताओं का नाम लिया गया है और जज ने साक्षात्कारों में कहा है कि उनने किसी नेता को क्लिन चिट नहीं दिया है। उससे उसके अंदर मची हलचल का आभास तो होता ही है। अभी तक सरकार ने किसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, न ही जांच एजेंसियों ने पूछताछ। लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने जिस तरह राज्य सभा एवं लोकसभा में विन्दूवार तथ्य रखें उनसे साफ हो गया कि पूर्व सरकार में कुछ लोग अगस्ता वेस्टलैंड को सौदा दिलाने और पहले से तय कीमत से गई गुणा देने के लिए अति सक्रिय थे। उनमें नियमों एवं प्रावधानों का कई स्तरों पर उल्लंघन हुआ तथा कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई। पर्रीकर की यह पंक्ति कांग्रेस को अवश्य चिंता में डाला होगा कि जिन लोगों के नाम इटली के न्यायालय में आए हैं उनके खिलाफ जांच केन्द्रित होगी। सरकार सच सामने लाने तथा दोषियों को सजा देने को संकल्पित है। नाम किनके आए हैं यह सबको पता है। तो उन नेताओं के खिलाफ वाकई रक्षा मंत्री के कथन के अनुरुप कार्रवाई होने का मतलब होगा प्रमुख नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी, जांच एजेंसियों द्वारा पूछताछ, न्यायालय में पेशी आदि। यह कांग्रेस के लिए असामान्य संकट का समय होगा। इसका अभ्यास कांग्रेस को क्या किसी पार्टी को नहीं है। 

इस संदर्भ में यह प्रश्न देश मंें उठ रहा है कि आखिर कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने इसी समय लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के नाम से रैली क्यों किया या संसद भवन तक मार्च का कार्यक्रम क्यों आयोजित किया? संदेश यह जा रहा है कि जब अगस्ता वेस्टलैंड मामले में इटली की कोर्ट ने पूर्व सरकार और कांग्रेस के नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया, सरकार ने जांच में तेजी ला दी तो फिर कांग्रेस ने अपने को बचाने के लिए यह कार्यक्रम किया। संदेश यह जा रहा है कि परेशान कांग्रेस ऐसे मोर्चा और रैलियों से सरकार को दबाव में लाने की रणनीति अपना रही है। संदेश यह भी निकल रहा है कि कांग्रेस वाकई डर गई है और उसके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। आप रैली में भी नेताओं का भाषण सुन लीजिए उसमें ऐसा कोई तर्क और तथ्य नहीं आया जिससे लगे कि वाकई सरकार अगस्ता वेस्टलैंड में उनको जानबूझकर फंसा रही है। उसमें ऐसे तथ्य नहीं थे जिनसे लगे कि अरे कांग्रेस तो वाकई निर्दोष है उसे फंसाने की कोशिश हो रही है। जाहिर है, कांग्रेस ने रैली और मार्च की घोषणा तो की, लेकिन उसके द्वारा स्पष्ट संदेश देने की तैयारी ठीक से नही की गई। असल में लोकतंत्र बचाओ मोर्चा नाम देने से अगस्ता वेस्टलैंड पर ज्यादा चर्चा कांग्रेस के नेता कर रही सकते थे। उनके सामने ज्यादा जोर इस आरोप पर देने की मजबूरी थी कि मोदी सरकार किस तरह लोकतंत्र का गला घोंट रही है। कांग्रेस शायद इस बात को समझ रही है कि अगस्ता वेस्टलैंड पर उसके लिए ज्यादा बोलना समस्या बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

इस तरह विचार करें तो कांग्रेस के लिए लोकतंत्र बचाओ मोर्चा उस रुप में अगस्ता वेस्टलैंड मामले में उसके बचाव का आधार नहीं बन पाया या राजनीतिक लाभ देनेवाला साबित नहीं हो सका जैसा इन्होंने सोचा होगा। इस मोर्चा से सरकार को भी कठघरे में खड़ा करने का उसका लक्ष्य पूरा हुआ हो ऐसा नहीं लगता। हां, वह सरकार पर दबाव डालने में सफल हुई या नहीं या आगे ऐसे संघर्ष करके वह दबाव डाल पाएगी या नहीं यह इस बात से प्रमाणित होगा कि सरकार अगस्ता वेस्टलैंड मामले में उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती है या नहीं जिनका नाम आया है और जिनकी भूमिका दलाली में संदिग्ध है।

अवधेश कुमार, ई.ः30, गणेश नगर, पांडव नगर कॉम्प्लेक्स, दिल्लीः110092, दूर.ः01122483408, 09811027208

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