अवधेश कुमार
प्रियंका बाड्रा के तेवर को देखकर कुछ लोगों की धारणा बन रही है कि इससे कांग्रेस के चुनाव अभियान को थोड़ा बल मिला है। वे यह भी मान रहे हैं कि अभी तक ऐसा लग रहा था जैसे नरेन्द्र मोदी के हमले के सामने नेहरु इंदिरा परिवार कमजोर पड़ रहा है। प्रियंका ने मोर्चा खोलकर ईंट का जवाब पत्थर से देने की रणनीति अपनाई तो मामला थोड़ा बराबर का हुआ है। ऐसे लोग इससे आने वाले मतदान में कांग्रेस के लिए कुछ अनुकूल असर की भी संभावना व्यक्त कर रहे हैं। प्रियंका के हमलावर तेवर के प्रभावों को देखने का अपना नजरिया हो सकता है। वे इस प्रकार के हमले में कितनी न्यायसंगत हैं, आम जनता में इसका संदेश क्या जा रहा है, चुनाव पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इन सबका आकलन इतना आसान नहीं हो सकता जैसा बताया जा रहा है। सबसे पहला सवाल तो यही उठता है कि आखिर प्रियंका को मोदी के खिलाफ इतना तीखा हमला करने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई? ध्यान रखिए हमले केवल मुद्दों व नीतियों पर नहीं हैं, इनका आयाम निजी ज्यादा है। यह परिवार के उस आत्मकथन के विपरीत है जिसमें कहा गया था कि ये कभी निजी हमले पर नहीं उतर सकते।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी तो पहले से मोदी के खिलाफ आक्रामक हो चुके थे। उन्हें यह लग गया था कि अगर उस आदमी का सामना करना है तो फिर एक सीमा से बाहर आना ही पड़ेगा। कांग्रेस के अंदर मतदाताओं पर मोदी के हमलावर तेवर के असर की जो रिपोर्टें मिल रहीं थीं, उनमें साफ हो गया था कि कांग्रेस का अभियान कमजोर पड़ रहा है एवं इससे चुनावी संभावना बुरी तरह प्रभावित हो रही है। आप इसे मोदी की रणनीतिक संभावना भी मान सकते हैं। लेकिन प्रियंका व्यंग्यात्मक भाषा तक ही अपने को सीमित रखीं हुईं थीं। अचानक उनका तेवर बदला और उन्होंने पहले वरुण गांधी को विश्वासघाती कहा तथा उसके बाद तो उनके शब्दकोष में जितने ऐसे शब्द हो सकते थे, चुनचुन कर प्रयोग करना आरंभ कर दिया। यह प्रियंका का नया रुप है जिसका हम पहली बार दर्शन कर रहे हैं।
हम उनके विरोधियों पर हमले के अधिकार का समर्थन करते हैं। जब उनके परिवार को राजनीतिक निशाना बनाया जा रहा हो तो उनको अपनी रक्षा में जवाबी हमला करना ही चाहिए। उनके पति राॅबर्ट बाड्रा को भाजपा ही नहीं दूसरे दलों ने भी चुनाव अभियान और इसके पूर्व से निशाना बनाया हुआ है। आखिर अरविन्द केजरीवाल ने पत्रकार वार्ता बुलाकर उनके जमीन सौदे को घोटाला बताया। भाजपा तो बाद में आई। हां, इसने चुनाव में कांग्रेस की अन्य विफलताओं के साथ इसे भी एक बड़ा मुद््दा बनाया है। लेकिन यह साफ लग रहा है कि अगर प्रियंका ने इतने तीखे तेवर नहीं दिखाए होते तो भाजपा दामाद श्री नामक फिल्म एवं पुस्तक लेकर शायद ही आती। चूंकि प्रियंका ने मोदी को लगातार निशाना बनाना शुरु किया, उसके बाद भाजपा के रणनीतिकारों ने युद्ध के एक अमोघ हथियार के तौर पर अपना आरोप सामने लाया। सारे तथ्य उसके पास थे ही, इसलिए तैयारी में समय भी नहीं लगना था।
राॅबर्ट पर जो आरोप हैं, उनका कानूनी महत्व तभी होगा जब जांच कराके सच सामने लाया जाए। यानी कानूनी कार्रवाई हो। लेकिन जमीन के धंधे में पिछले एक दशक में जिस तरह खाकपति खरबपति बने हैं, इस समय बाड्रा भी उन्हीं में से एक दिख रहे हैं। कांग्रेस के अंदर भी ऐसा मानने वाले हैं। चुनाव के समय तथ्यों से ज्यादा महत्व धारणा का होता है और धारणा यदि उलट बन गई तो आपका प्रतिहमला प्रभावी नहीं हो सकता। प्रियंका ने आरोपों पर बातें नहीं की हैं। केवल मोदी को गलत साबित किया है। वो यहां तक कह गईं कि डरे हुए चूहों की तरह भाग रहे हैं। कांग्रेस समर्थकों व कार्यकर्ताओं ने अवश्य इस पर तालियां पीटीं होंगी.....मोदी विरोधियों ने भी। लेकिन क्या इससे आरोप का खंडन हो गया? प्रियंका कहती हैं कि वो कुछ भी कर लें मैं डरने वाली नहीं हूं। ठीक है आप मत डरिए। अगर आपकी नजर में आरोप गलत हंै तो साहस से सामना करिए। वो इंदिरा गांधी का हवाला देती हैं कि हमने उनसे सीखाा है विपरीत परिस्थितियों में आंतरिक ताकत और बढ़ जाती है। अभी तक ऐसी कौन सी विपरीत परिस्थितियां आईं हैं? दस वर्ष से कांग्रेस सत्ता में है.... आपके परिवार का पूरा प्रभाव उस पर है......आपको किसी मंत्री से कम वीआईपी व्यवहार मिलता नहीं है....फिर समस्या कहां आ गई कि आपको ऐसा बात करनी पड़ी?
कहीं ऐसा तो नहीं कि कांग्रेस के बारे में प्रतिकूल चुनावी संभावना की आशंका आपके मन में घर कर गई है? रायबरेली में तो सोनिया गांधी की विजय में संदेह नहीं है, लेकिन अमेठी में वैसी स्थिति नहीं है। पहले कुमार विश्वास ने समस्या पैदा किया और अब भाजपा की ओर से स्मृति ईरानी पूरे दमखम से वहां चुनाव लड़ रहीं हैं। ध्यान रखिए एक दशक में सोनिया गांधी ने वहां पहली रैली की और उसमें यह भावुक अपील की कि मेरी सास ने अपना बेटा आपको सौंपा और अब मैंने अपना बेटा सौंपा है इसका ध्यान रखिए। यह सामान्य स्थिति का परिचायक नहीं हो सकता। दामाद श्री फिल्म और पुस्तक भारी संख्या में वहां भेजे गए हैं जिनका वितरण हो रहा है। इन सबसे मनोवैज्ञानिक दबाव में आना स्वाभाविक है। किंतु किसी के आंतरिक सामथ्र्य की पहचान ऐसे समय ही होती है। आप कितने धैर्य और संतुलन से मुकाबला करते हैं और अपनी बात रखते हैं इससे आपका परीक्षण होता है। कोई नहीं कह सकता कि प्रियंका की दो बातें किसी को भी पसंद आई होगी। एक, मोदी बंद कमरे में महिलाओं की बातें सुनते हैं। यह सीधा निजी चरित्र पर हमला है। इसे ही कमर के नीचे वार कहते हैं। महिला जासूसी प्रकरण में कांग्रेस ने आरंभ में ऐसा ही बोलना आरंभ किया था, जिसे रोक दिया गया। प्रियंका ने दोबारा उस प्रकरण को ज्यादा तीखा होकर जीवित करने का प्रयास किया है। इसका कांग्रेस के लिए या उनके लिए कोई अनुकूल संदेश जाएगा यह मानना बेमानी होगी। ऐसे चरित्रहनन के शब्दों को हमारा समाज स्वीकार नहीं करता। इसी तरह उन्होंने चूहे की तरह भागने वाली बात जो कि वह न तो उपयुक्त बैठता है और न पसंद किए जाने लायक है।
फिर समय देखिए। लोगों की सहानुभूति किसे मिलती है जिस पर सबसे ज्यादा हमला हो। वैसे तो नरेन्द्र मोदी पर लंबे समय से हमला होता रहा है जिसका बदला उन्होंने अपने तेवर में पिछले एक वर्ष में चुकाया है। उसमें उन्होंने जो कुछ बोला है वे सब बोलने चाहिएं या नहीं, इस पर यकीनन दो राय है। लेकिन इस समय पिछले एक सप्ताह से अचानक मोदी पर जिस ढंग से चैतरफा हमला हुआ है उससे आम जनता के अंदर मोदी के प्रति ही सहानुभूति पैदा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि एक ही आदमी पर सारे लग गए हैं। कोई मोदी को कसाई कह रहा है, कोई राक्षस तो कोई कसाई भी उसके सामने कमजोर, कोई खून से नहाया हुआ तो कोई कुछ, कोई पत्नी छोड़...... न जाने क्या क्या नाम दिया जा रहा है। ऐसे समय प्रियंका के ऐसे हमले का असर क्या हो सकता है इसका हम केवल अनुमान लगा सकते हैं। प्रत्येक क्रिया के समान और विपरीत प्रतिक्रियाएं होतीं हैं। ऐसा न हो कि प्रियंका के तेवर से कांग्रेसी इस समय खुश हों, लेकिन इसकी प्रतिक्रियाएं विपरीत हो जाएं। राॅबर्ट का जो होना है वो आगे होगा....लेकिन चुनाव तो अभी है और ऐसे बयानों का तात्कालिक असर होगा। अच्छा हो कि प्रियंका अब से भी संभलें और सोच समझकर मोदी की आलोचना करे। खीझ और गुस्से में कई बार हम ऐसा बोल जाते है जो अंततः हमारा नुकसान ही करता है।
अवधेश कुमार, ई.ः30, गणेश नगर, पांडव नगर काॅम्प्लेक्स, दिल्लीः110092, दूर.ः01122483408, 09811027208