गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के समर्थन में उतरीं निगम पार्षद सुल्ताना आबदा

 संवाददाता

नई दिल्ली। काफी लंबे समय से एमसीडी के डॉक्टरों को वेतन नहीं मिलने के कारण अब डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए हैं। पहले हड़ताल और काम दोनों चल रहा था पर इसके बावजूद भी उन्हें वेतन नहीं मिला। वेतन न मिलने पर दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है, जिसके चलते मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं आज सभी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर एमसीडी के खिलाफ जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि आज के प्रदर्शन में एमसीडी के सभी अस्पतालों के डॉक्टर्स शामिल हुए। डॉक्टरों को समर्थन देने के लिए जामा मस्जिद वार्ड की निगम पार्षद सुल्ताना आबदा भी पहुंची। उन्होंने उनके समर्थन में एमसीडी के खिलाफ नारे भी लगाए। उन्होंने कहा कि मैं काफी लम्बे समय से आपकी आवाज सदन में उठ रही हूं और आगे भी उठती रहूंगी। 
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप लोगों को जल्द वेतन नहीं दिया गया तो मैं आप के लिए जामा मस्जिद गेट नंबर एक से सिविक सेंटर तक मार्च करूंगी क्योंकि आप लोगों को वेतन न मिलने से आप लोगों को हो परेशानी नहीं हो रही है आम जनता को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस मौके पर समाजसेवी फिरदौस मंसूरी भी निगम पार्षद के साथ मौजूद थे। उन्होंने कहा कि एमसीडी द्वारा डॉक्टरों को नियमित वेतन न दिए जाने के कारण डॉक्टरों को परेशानी के साथ आम जनता को भी बहुत परेशानी आती है जो सही नहीं है।
आप लोगों को बता दें दरअसल इन सभी डॉक्टर्स का वेतन जून से रुका हुआ था जिसमें एमसीडी ने 1 महीने की सैलरी दे दी, लेकिन अभी भी तीन महीने की सैलरी डॉक्टर्स को नहीं दी गई। डॉक्टरों का आरोप है कि एमसीडी ने कहा है कि अभी आप लोगों को 1 महीने का वेतन मिलेगा, लेकिन बाकि वेतन अभी नहीं दिया जाएगा।
जिसको लेकर आज कस्तूरबा, हिन्दू अस्पताल समेत एमसीडी अधीन अस्पतालों के सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे है, साथ ही उन्होंने कहा है कि हड़ताल समेत प्रदर्शन तब तक जारी रहेगी, जब तक पूरा वेतन नही मिल जाता।
 कस्तूरबा अस्पताल के आरडीए संस्था के पदाधिकारी डॉ. अभिमान ने बताया कि हर बार हमें वेतन के लिए आंदोलन करना पड़ता है। इस बार भी तीन माह से वेतन जारी नहीं हुआ है। इससे डॉक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घर का किराया देने से लेकर डॉक्टरों को अपने जरुरी कार्यों के लिए भी एक-एक पैसे के लिए मोहताज होना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि इस बार हमें तीन माह का बकाया वेतन चाहिए। अगर, प्रशासन वेतन नहीं देता हैं तो हम लोग सामूहिक इस्तीफे के लिए मजबूर होंगे।इस बार एक माह का वेतन से बात नहीं बनेगी, बल्कि पूरा तीन माह का बकाया वेतन चाहिए और यह भी विश्वास चाहिए कि आगे से वेतन में देरी नहीं होगी।
साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार हमे योद्धा बुलाती है, लेकिन हमे वेतन नही दे रही है, जिसके चलते हम अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहे है।








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