जौनपुर। होली के दिन भाजपा उम्मीदवारों की पांचवीं सूची आ गई, वहीं प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की लोकसभा से सटी हुई मछली शहर सीट पर भाजपा प्रत्याशी की घोषणा न होना भाजपा कार्यकर्ताओ में घोर निराशा व्याप्त है। लोगो को पता होगा भाजपा के पड़ोस की सीट फूलपुर से कभी देश के प्रथम प्रधानमन्त्री प जवाहर लाल नेहरू हुआ करते थे और मछली शहर से प्रदेश के मुख्य मंत्री रह चुके श्रीपति मिश्र और राज केशर सिंह जैसे सांसद हुआ करते है पर वर्ष 2014 से इस सीट पर बड़े विचित्र ढंग से भाजपा प्रत्यासी चुने जाते हैं, वर्ष 2014 मे पूर्व सांसद विद्या सागर सोनकर, डा विजय सोनकर शास्त्री और पूर्व नौकरशाह व राष्ट्र वादी लेखक बसंत कुमार के दावे को दरकिनार कर गोंडा के निवासी राम चरित्र निषाद ,जोइसी सीट से 2009 मे भाजपा प्रत्यासी विद्या सागर सोनकर के खिलाफ चुनाव लड़ चुके थे, को आनन फानन मे भाजपा जॉइन करा कर भाजपा का प्रत्यासी बना दिया हैरानी इस बात की रही कि इस सीट पर सांसद रहते हुए उन्होंने अपने आप को दलित नही माना और अपने आप को ओ बी सी नेता मानते रहे और वर्ष 2019 मे मछली शहर से टिकट कटने पर मिर्जापुर से पिछड़े वर्ग के नेता के रूप मे सपा प्रत्यासी के रूप मे अनुप्रिया पटेल के खिलाफ लड़े।
मछली शहर मे वर्ष 2019 मे फिर वही बात दोहराई गयी और दर्जनों भर भाजपा के दावे दारो को दरकिनार कर एक हफ्ते पहले बसपा से बी पी सरोज को लाकर भाजपा से टिकट दे दिया गया और 2014 की भाति बसंत कुमार, विद्या सागर और डा विजय शास्त्री हाथ मलते रह गए।
सांसद बनने के बाद बी पी सरोज ने लोगो के बीच खूब मेहनत की पर वे एक अलग संस्कृति वाली पार्टी बसपा से आये थे और संगठन और कार्यकर्ताओ से सामंजस्य नही बिठा पाए और चाटुकारो से घिर गए पर संभावना यह थी की उन्हे पुन: टिकट दिया जाता, पर कार्यकर्ताओ की उनके प्रति नाराजगी के कारण उनका टिकट कटता देख बरसाती मेढ़कों की तरह कई लोग सपा बसपा से कुछ माह पूर्व भाजपा मे इसलिए आ गए है कि उन्हे भाजपा टिकट पूर्व की भाति दे देगी।
पर इस बार भाजपा किसी खाँटी भाजपाई को ही मछली शहर से टिकट देगी, ऐसे खाटी भाजपाईयो मे एक नाम बसंत कुमार का है जो भारत सरकार मे स्वैक्षिक सेवा निर्वित्ति लेकर वर्ष 2011 मे भाजपा मे आये और इन्हे आज भी इनके कामो के कारण भाजपा के संस्थापको मे जाने जाने वाले कलराज मिश्र का हनुमान कहा जाता हैं और हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, डा आंबेडकर पर दर्जनों पुस्तके लिख चुके हैं और स्तंभकर के रूप मे हर सप्ताह इनके लेख छपते है जहाँ वे बड़े बेबाकी से अपने विचार व्यक्त करते है, यदि बसन्त कुमार को मछली शहर से भाजपा अपना प्रत्यासी बनाती है तो भाजपा रिकॉर्ड मतो से जीतेगी और क्षेत्र का विकास भी होगा।
क्या फिर पार्टी आयातित प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी या यह अपवाद को मिथ्या साबित कर शिक्षित कुशल अनुभवी राष्ट्र वादी लेखक "(जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि) " पर दांव लगाएगी।
जवाब देंहटाएंमछलीशहर संसद सीट से भाजपा के 10 साल के संसद के कार्यकाल में भी भाजपा ने अपनी इस सीट से स्थानीय उम्मेदवार ही तयार नहीं की है या बता रही है कि यहां पर भाजपा फेल हो रही है
जवाब देंहटाएंये दिखाता है कि बीजेपी मछली शहर सीट पर बीजेपी की विफलता दरशाता है अगर बीजेपी ने 10 साल के शासन में भी अपने स्थानीय नेटवर्क पर भरोसा नहीं किया है तो बीजेपी पर किसे भरोसा होगा
जवाब देंहटाएंश्री बसंत कुमार सर
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