सोमवार, 10 मार्च 2025

ये हैं मशहूर शायर वसीम बरेलवी के 20 बड़े शेर

1.अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे

तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे

2.मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र

रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा
3.झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए
और मैं था कि सच बोलता रह गया
4.उस ने मेरी राह न देखी और वो रिश्ता तोड़ लिया
जिस रिश्ते की ख़ातिर मुझ से दुनिया ने मुँह मोड़ लिया
5.उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
6.क्या बताऊँ कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैं ने किया
उम्र-भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैं ने किया
7.दिल की बिगड़ी हुई आदत से ये उम्मीद न थी
भूल जाएगा ये इक दिन तिरा याद आना भी
8.एक मंज़र पे ठहरने नहीं देती फ़ितरत
उम्र भर आँख की क़िस्मत में सफ़र लगता है
9.चाहे जितना भी बिगड़ जाए ज़माने का चलन
झूट से हारते देखा नहीं सच्चाई को
10.तुम साथ नहीं हो तो कुछ अच्छा नहीं लगता
इस शहर में क्या है जो अधूरा नहीं लगता
11.मोहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है
ये रूठ जाएँ तो फिर लौट कर नहीं आते
12.जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है सदियों से
कहीं हयात उसी फ़ासले का नाम न हो
13.दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता
तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
14.निगाहों के तक़ाज़े चैन से मरने नहीं देते
यहाँ मंज़र ही ऐसे हैं कि दिल भरने नहीं देते
15.जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
16.वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता
मगर इन एहतियातों से तअल्लुक़ मर नहीं जाता
17.हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें
ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें
18.हम अपने आप को इक मसअला बना न सके
इसलिए तो किसी की नज़र में आ न सके
19.आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
20.ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं
तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी

शान्तिपूर्ण माहौल में संचालित हुई सीनियर सैकेण्डरी एवं डी.एल.एड.की परीक्षाएं

हिसार के परीक्षा केन्द्र का निरीक्षण करते हुए बोर्ड अध्यक्ष प्रो०(डॉ०) पवन कुमार शर्मा।
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