मंगलवार, 9 जुलाई 2024

नई पेंशन प्रणाली के स्थान पर सीसीएस पेंशन नियम, 1972 (अब 2021) को तत्काल लागू किया जाए: भारतीय पेंशन मजदूर संघ

संवाददाता

नई दिल्ली। भारतीय पेंशन मजदूर संघ वर्ष 2004 से एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना अर्थात सीसीएस पेंशन नियम, 1972 (अब 2021) को लागू करने की मांग कर रहा है। महासंघ ने कई बार अपने त्रिवार्षिक सम्मेलनों और केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठकों में इस विषय पर प्रस्ताव पारित कर सरकार से नई पेंशन प्रणाली को समाप्त कर सीसीएस पेंशन नियम, 1972 (अब 2021) को लागू करने की मांग की है।

इस मामले पर कई बार आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है। महासंघ द्वारा 22 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में एक विशाल रैली और धरना आयोजित किया गया था और माननीय वित्त मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था। तब माननीय वित्त मंत्री ने बताया था कि भारत सरकार के वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।  और इस मामले पर कोई भी निर्णय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद लिया जाएगा। 

महासंघ को यह नहीं पता कि समिति की रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की गई है या नहीं। इस बीच, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सीसीएस पेंशन नियम, 1972 (अब 2021) के तहत निर्धारित न्यूनतम पेंशन से बहुत कम पेंशन मिल रही है, और उन्हें समय-समय पर संशोधित महंगाई राहत का लाभ भी नहीं मिल रहा है। इससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है। 

भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी 13 जून 2024 को देहरादून में सर्वसम्मति से संकल्प लेती है कि 2004 से पहले लागू पेंशन योजना, सीसीएस पेंशन नियम, 1972 (अब 2021) को सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए तुरंत लागू किया जाना चाहिए, जिसके तहत अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्रदान किया जाना चाहिए और उस पर महंगाई राहत भी प्रदान की जानी चाहिए। पहले की तरह वेतन आयोगों में पेंशन संशोधन का लाभ भी दिया जाना चाहिए।  प्रस्तावक: श्री राजेश तिवारी, संगठन सचिव, बी.पी.एम.एस. अनुमोदित: श्री बलकार सिंह, सचिव, बी.पी.एम.एस.
केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं सेवा शर्तों की समीक्षा के लिए आठवां वेतन आयोग गठित किया जाए-
केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं सेवा शर्तों की समीक्षा के लिए प्रत्येक 10 वर्ष पर वेतन आयोग गठित किया जाता रहा है।
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 1 जनवरी 2016 से वेतनमान संशोधित किए गए तथा 1 जुलाई 2017 से भत्ते संशोधित किए गए। इस प्रकार अलग-अलग तिथियों से वेतन एवं भत्ते संशोधित करने से कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान होता है तथा उनमें असंतोष पैदा होता है। पिछले वेतन आयोगों में भी ऐसा हुआ था। इसलिए कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार को अविलम्ब आठवें वेतन आयोग का गठन करना चाहिए।
भारतीय श्रमिक मजदूर संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी सर्वसम्मति से संकल्प लेती है कि भारत सरकार द्वारा अविलम्ब आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाना चाहिए।  वेतन आयोग की रिपोर्ट जुलाई 2025 से पहले प्रकाशित की जानी चाहिए तथा वेतन एवं भत्ते 01 जनवरी 2026 से संशोधित दरों पर लागू किए जाने चाहिए। 

प्रस्तावकर्ता: श्री पीयूष सिंह परिहार, सीईसी सदस्य, बीपीएमएस, समर्थनकर्ता: श्री रवींद्र कुमार मिश्रा, सचिव, बीपीएमएस, रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रिक्त पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए-
रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण कर्मचारियों पर कार्यभार अत्यधिक है, जिससे उनकी कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है। लगभग सभी रक्षा प्रतिष्ठानों में बड़ी संख्या में रिक्त पदों को स्थायी कर्मचारियों से भरने के बजाय आउटसोर्स या अनुबंध कर्मचारियों से काम कराया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय जैसे संवेदनशील विभाग के लिए यह उचित नहीं है।
देश में बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, रिक्त पदों को भरकर बेरोजगारी को कुछ हद तक दूर अवश्य किया जा सकता है।
भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि भारत सरकार को रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रस्ताव: श्री शशि भूषण राय, सीईसी सदस्य, बीपीएमएस, अनुमोदन: श्री पी विद्यासागर, सचिव, बीपीएमएस

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