फिल्में स्वस्थ मनोरंजन का स्त्रोत होती हैं। उनका उपयोग समाज को विभाजित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए जैसा कुछ लोग ‘'द कश्मीर फाईल्स'‘ के मामले में कर रहे हैं। विभाजित और ध्रुवीकृत समाज विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा होता है।
ऐसे समाज में न तो गरीबी का अभिशाप कम होता है, न ही शिक्षा के मंदिरों के पट खुल पाते हैं और ना ही स्वास्थ्य की सुविधाओं में इजाफा होता है। हां, चुनाव जरूर जीता जा सकता है।
इसलिए ‘'द कश्मीर फाईल्स'‘ का उपयोग समाज में तनाव पैदा
करने के लिए न करें। अंत में यह कहना चाहूंगा कि मध्यप्रदेश सरकार ने
पुलिसकर्मियों को ‘'द कश्मीर फाईल्स'‘ देखने के लिए एक दिन का अवकाश
देने की घोषणा की है। काश ‘गांधी‘ फिल्म
देखने के लिए एक दिन की छुट्टी दी जाती तो कितना अच्छा होता।
(एल एस हरदेनिया संयोजक, राष्ट्रीय सेक्युलर मंच एवं अध्यक्ष कौमी एकता ट्रस्ट द्वारा जनहित में जारी मोबाईल 09425301582)