शुक्रवार, 24 मार्च 2017

रिक्शे वाले ने योगी की भविष्यवाणी की

श्याम कुमार
उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता कल्याण सिंह, जो वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल हैं, जब भी लखनऊ आते हैं तो पूरे उत्तर प्रदेश से उनसे मिलने आने वालों का उनके आवास पर तांता लग जाता है। हर तरह के लोग आते हैं, इसलिए प्रायः रोचक अनुभव भी होते हैं। ऐसा ही एक अनोखा अनुभव गत सात मार्च को हुआ था, जो उस समय अनोखा नहीं लगा था। कल्याण सिंह कक्ष में सोफे पर बैठे थे, जिनके बगल में मैं बैठा हुआ था। बड़ा कक्ष आगंतुकों से भरा हुआ था। बुलंदशहर से आए वहां के पूर्व-विधायक डाॅ. सतीश शर्मा पास के सोफे पर बैठे थे। तभी उन्होंने अपना एक अनुभव सुनाया। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जनवरी में कल्याण सिंह के जन्मदिन के अवसर पर वह लखनऊ आए थे। एक दिन जब वह कल्याण सिंह के आवास से लौट रहे थे तो उन्हें उनके आवास के पास माल एवेन्यू में ही एक रिक्शेवाला मिल गया था। रिक्शेवाला हट्टा-कट्टा था और उसने समझ लिया था कि डाॅ. शर्मा कल्याण सिंह से मिलकर आए हैं। रिक्शा चलाते हुए वह रिक्शावाला बातें करने लगा। उसने बताया कि पांच वर्ष पूर्व उसने भविष्यवाणी कर दी थी कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उस समय जब उसने भविष्यवाणी की थी, लोग उसकी बात पर हंसे थे। लेकिन उसका कथन सच हुआ। रिक्शेवाले ने डाॅ. सतीश शर्मा से कहा कि अब उसकी भविष्यवाणी है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा-चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को तीन सौ से अधिक सीटें मिलेंगी, महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे तथा कल्याण सिंह देश के राष्ट्रपति होंगे।
डाॅ. सतीश शर्मा ने बताया कि पहले तो उन्होंने रिक्शेवाले की बातों पर अधिक ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उसने मोदी के बारे में जो भविष्यवाणीवाणी की, वैसा दावा तो बाद में अन्य लोग भी करने लगे थे। मुझे याद आया, मेरा स्टेनो कई वर्शाें से लगातार मुझसे कहता था कि मोदी प्रधानमंत्री बन जाएं, तभी इस देश का उद्धार होगा। चूंकि उस समय कांग्रेसियों, कट्टरपंथी मुसलमानों एवं फर्जी सेकुलरियों ने देश-विदेश में मोदी के विरुद्ध इतना अधिक दुश्प्रचार कर डाला था कि मोदी प्रधानमंत्री बन सकेंगे, यह बात किसी के भी गले नहीं उतरती थी।
डाॅ. सतीश शर्मा ने कहा कि भाजपा तीन सौ से अधिक सीटें जीतेगी, रिक्शेवाले की इस बात को भी उन्होंने कोई महत्व नहीं दिया। कारण यह कि उस समय सभी पार्टियां तीन सौ से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही थीं तथा बड़ी संख्या में लोगों का यह भी मानना था कि किसी पार्टी को बहुमत नहीं प्राप्त होगा। लेकिन रिक्शे वाले की अन्य दो भविष्यवाणियों पर वह चैंके। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए महंत योगी आदित्यनाथ की चर्चा कभी-कभी उड़ जाती थी, लेकिन उस चर्चा को कोई महत्व नहीं दिया जाता था। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में अन्य लोगों के नाम अधिक चर्चित थे। इसी प्रकार राष्ट्रªपति पद के लिए कल्याण सिंह के नाम की दूर-दूर तक कहीं चर्चा नहीं थी। डाॅ. सतीश शर्मा ने बताया कि उन्होंने रिक्शेवाले से कहा कि यदि उसकी कल्याण सिंह वाली भविष्यवाणी सत्य हुई तो वह उसे एक ई-रिक्शा भेंट करेंगे। उन्होंने रिक्शेवाले से उसका नाम व पता पूछा तो उसने बताया कि वह बनारसी के नाम से मशहूर है और ‘सहारा’ के पास रहता है।
कल्याण सिंह की मौजूदगी में गत सात मार्च को जब डाॅ. सतीश शर्मा ने यह बात बताई थी तो वहां मौजूद सभी लोग इस बात से तो सहमत थे कि कल्याण सिंह राष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त पात्र हैं, किन्तु यह कथन इसलिए सच होने की संभावना नहीं है कि उस पद के लिए पहले से ही लालकृश्ण आडवाणी, डाॅ. मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, वेंकैया नायडू आदि नाम चर्चित हैं। कल्याण सिंह ने भी ऐसी किसी संभावना से इनकार किया। गत दिवस कल्याण सिंह के यहां डाॅ. सतीश शर्मा पुनः मिल गए तो मुझे उनकी बातें याद आ गईं। चुनाव-परिणाम घोशित होने से पहले सात मार्च को कल्याण सिंह के यहां उन्होंने रिक्शेवाले की जो यह भविष्यवाणीी बताई थी कि भाजपा को तीन सौ से अधिक सीटें मिलेंगी, वह पूरी तरह सही निकली। भाजपा को 325 सीटें मिल जाने का चमत्कार हुआ। यदि कल्याण सिंह राष्ट्रªपति न बनें तो भी रिक्शेवाले की योगी एवं भाजपा के बारे में डाॅ. शर्मा के सामने की गई भविष्यवाणी तो सत्य सिद्ध हुई ही। डाॅ. सतीश शर्मा ने गत सात मार्च को जब कल्याण सिंह के सामने रिक्शेवाले की भविष्यवाणी की चर्चा की थी, उस समय तक न तो चुनाव-परिणाम घोषित हुए थे और न मुख्यमंत्री पद के लिए योगी के नाम की चर्चा थी।   
गत दिवस जब मैं कल्याण सिंह के यहां पहुंचा तो वह जयपुर प्रस्थान करने के लिए भीतर तैयार हो रहे थे। अन्य लोगों के साथ मैं भी कक्ष में बैठ गया। कल्याण सिंह का पौत्र संदीप सिंह प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हो गया है, अतः उससे मिलने वाले भी आ रहे थे। तभी सिटी माॅन्टेसरी स्कूल के संस्थापक जगदीश गांधी एक बड़ा पिटारा लिए हुए अपनी पुत्री एवं नाती के साथ कल्याण सिंह से मिलने आ गए। वे लोग संदीप सिंह से मिले और कल्याण सिंह की प्रतीक्षा करने लगे। जगदीश गांधी की पुत्री जब संदीप सिंह से निरंतर अंग्रेजी में ही बात करने लगी तो लोगों को उसके इस अंग्रेजी-प्रेम का बुरा लगा।
 जगदीश गांधी ने बताया कि उसके बच्चों ने अलग-अलग देश के लोगों से षादी की है। जगदीश गांधी के बारे में अकसर चर्चा हुआ करती है कि उनके स्कूलों में नेता, पत्रकार एवं अधिकारीगण अपने बच्चों को प्रवेश दिलाते हैं, इसलिए जगदीश गांधी उन सभी पर अपना भारी प्रभाव रखते हैं। यह भी चर्चा होती है कि  शिक्षण-संस्थाओं में गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने का सरकार द्वारा जो निर्धारित कोटा है, उस पर जगदीश गांधी ने अपनी शिक्षण-संस्थाओं में अमल नहीं किया और उस आदेश के विरुद्ध सर्वाेच्च न्यायालय तक लड़ने चले गए। लेकिन वहां उन्हें हार मिली। बताया जाता है कि सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद जगदीश गांधी ने अपनी शिक्षण-संस्थाओं में गरीब बच्चों के कोटे वाले आदेश पर अमल नहीं किया है। इस पर लोग तुलसीदास की यह पंक्ति याद करते हैं-‘समरथ को नहि दोश गोसाईं’।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

http://mohdriyaz9540.blogspot.com/

http://nilimapalm.blogspot.com/

musarrat-times.blogspot.com

http://naipeedhi-naisoch.blogspot.com/

http://azadsochfoundationtrust.blogspot.com/