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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा सत्र 2024-25 की परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए व्यापक स्तर पर नकल उन्मूलन अभियान के दूसरे चरण में बोर्ड सचिव श्री अजय चोपड़ा प्रदेशभर के 1500 स्कूलों में प्राचार्यों, मुख्य अध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, एस.एम.सी सदस्यों, पंचायत प्रतिनिधियों से गूगल मीट के माध्यम से सीधा संवाद करते हुए। |
संवाददाता
भिवानी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा सत्र 2024-25 की परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए व्यापक स्तर पर नकल उन्मूलन अभियान के दूसरे चरण में आज बोर्ड सचिव श्री अजय चोपड़ा ने प्रदेशभर के 1500 स्कूलों में प्राचार्यों, मुख्य अध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, एस.एम.सी सदस्यों, पंचायत प्रतिनिधियों से गूगल मीट के माध्यम से सीधा संवाद किया। संवाद करने से पूर्व बोर्ड सचिव ने राजकीय उच्च विद्यालय ढाणा नरसान के कार्यवाहक मुख्य अध्यापक समाजशास्त्र प्रवक्ता सुरजीत शर्मा द्वारा नकल उन्मूलन के लिए छात्रों को प्रेरित करने वाली वीडियो का विमोचन किया और सभी स्कूल मुखिया से अपील करते हुए कहा कि वीडियो बहुत प्रेरक है और अपने-अपने माध्यम से इसका अधिक से अधिक प्रचार करें तथा सभी छात्र-छात्राओं को वीडियो दिखाया जाए। वीडियो को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा तथा सभी बोर्ड से संबंधित सोशल मीडिया ग्रुप में डाला जाएगा। यह वीडियो प्रवक्ता श्री सुरजीत शर्मा द्वारा नकल उन्मूलन अभियान के तहत शिक्षा बोर्ड को भेंट किया है ताकि छात्र-छात्राएं इस वीडियो से प्रेरित होकर नकल जैसी बुराई से दूर रहे। सचिव ने संवाद के दौरान नकल के दुष्प्रभाव से सभी को अवगत करवाया और आह्वान किया कि आने वाली परीक्षाएं पूरी तरह से नकल रहित हों।

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि वर्तमान समय में सरकार ने पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए कमर कस रखी है। पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता आई है और केवल वही बच्चें सफलता प्राप्त कर रहे हैं जो अपने स्तर पर मेहनत करते हैं और नकल रहित परीक्षा देकर अच्छे अंक प्राप्त कर रहे हैं। हम सभी का पहला उद्देश्य नकल रहित परीक्षा होना चाहिए क्योंकि नकल मानसिक विकास को अवरूध कर देती हैं और विद्यार्थी आत्मनिर्भर होने की बजाय नकल पर निर्भर हो जाता है, पूरे शिक्षक समाज का यह कर्तव्य बनता है कि हम इस बुराई को जड़ से मिटाएं और छात्रों को नकल के दुष्प्रभाव के बारे में अवगत करवाएं इसके लिए सामाजिक संस्थाओं का सहयोग अति आवश्यक है। विद्यालय स्तर पर पंचायत, एसएमसी सदस्यों, अभिभावकों का पूर्ण सहयोग लेकर उन्हें नकल के प्रभाव से अवगत कराया जाए और परीक्षा के दौरान नकल उन्मूलन में उनकी पूरी सहायता ली जाए।

उन्होंने विद्यालय मुखियाओं को निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों का प्रबंध किया जाए, साथ ही प्री-बोर्ड परीक्षाओं को पूरी तरह नकल रहित बनाया जाए ताकि आने वाली परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी पहले से ही तैयार हो पाएं। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने नकल रोकने के लिए पहले से ही कई प्रशासनिक सुधार किए हैं जिसमें हमें सफलता भी प्राप्त हुई है परंतु नकल एक ऐसी बुराई है जिसे विद्यार्थी में नैतिक मूल्यों का विकास कर आसानी से खत्म किया जा सकता है इसके लिए भी अध्यापक अपने स्तर पर प्रयास करें। बोर्ड सचिव ने नकल उन्मूलन के अलावा नशा मुक्त विद्यालय और नशा मुक्ति विद्यार्थी अभियान पर भी जोर दिया। उन्होंने अपने संवाद के दौरान अध्यापकों को इस बारे में दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि बोर्ड का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है और सामाजिक बुराई के रूप में नशे जैसी बुराई को हम गंभीरता से ले रहे हैं। स्कूल मुखिया और अध्यापक इस बात का ध्यान रखें कि आपके आसपास धूम्रपान करने वाला कोई ना हो साथ ही समय-समय पर विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव से भी अवगत करवाते रहें। अभिभावक मीटिंगों के दौरान इस विषय को गंभीरता से लें और अध्यापक अपना अमूल्य योगदान नशे जैसी बुराई को मिटाने में दें।
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