मौलाना जावेद सिद्दीकी क़ासमी
कई धर्म मे ये है की मानव पूरी ज़िन्दगी धर्म कार्य करने सदा के लिए अपने आपको त्याग देता है। ना शादी विवाह रिश्ते नाते सब से अलग होकर only धर्म का सेवक बन कर दुन्या मे पूरी ज़िन्दगी गुज़ार देता है।
वक़्फ़ नाम है एक जायदाद मकान ज़मीन जिस को तियाग दिया गया हो दान मे देदी गई हो मतलब अब इस ज़मीन पर दान करने वाले और ना ही उनके वारिस बच्चे कुछ करसकते हैं कोई कारोबार घर मकान कुछ नहीं बना सकते हैं यानि उनका कहना ये है की हम ना हमारे वारिस बच्चे कोई भी उस दान दी हुवी ज़मीन पर कुछ नहीं करेंगे।
अब दान करने वाले कौन हैं वह हैं जिन के पास गुंजाईश थी उन लोगों ने नेकी सवाब पुण्य पाने के लिए अपनी ज़मीन नमाज़ पढ़ने इबादत करने और पढ़ने लिखने के लिए मदरसे व क़ब्रिस्तान के लिए इसी तरह खुदा के सामने धियान जमाने के लिए कोई जगह खास करदी वही ज़मीन जायदाद वक़्फ़ कहलाती है।
दान करने वाले की ये नियत होती है की मरने के बाद हमारी आत्मा को पुण्य व शांति मिले सवाब पहुँचता रहे।
अब रही बात की वक़्फ़ की ज़मीन vip vvip और इतनी क़ीमती जगह मे है वो किस तरह है।
समझने वाली बात है की जो जहाँ बस्ते थे या जिनकी जहाँ ज़मीन थी उन्होंने वहीं पर ज़मीन वक़्फ़ की दान की तो ज़ाहिर बात है वक़्फ़ की ज़मीन वहीं तो होगी।
अब दिल्ली को ही लीजिए पहले सारा शहर जंगल मैदान की तरह था जहाँ आज बस्ती हज़रात निजामुद्दीन नई दिल्ली लोधी रोड है पहले यहाँ शेर घूमते हुवे दिखाई देते व जंगली जानवर रहते थे लेकिन आज पूरा इलाक़ा vip vvip बन चूका है।
पहले दिल्ली कहाँ थी -महरोली मालवीय नगर साकेत चिराग़ दिल्ली, तुगलक़बाद तक थी। फिर मुगलों ने पुरानी दिल्ली, कश्मीरी गेट, मोरी गेट,अजमेरी गेट क़ुदसिया बाग, दरियागंज, वगैरह इलाके बसाए और अंग्रेजो ने सिविल लाइन का इलाक़ा कनाट पेलिस पार्लियामेंट राष्ट्रपति भवन और कुछ खास इलाके बसाए वरना पहले सब चटयल खाली मैदान खेत ही तो थे उसी ज़माने की ही वक़्फ़ ज़मीन है जो आज vip इलाक़ओं मे आगई है।
यही हाल पंजाब हरियाणा और अन्य राज्यों का हैं
धन्यवाद
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मौलाना जावेद सिद्दीकी क़ासमी दिल्ली 9999233784
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