रविवार, 12 फ़रवरी 2017

दिल्ली में मनाया गया हिंदी उर्दू शायरी का त्यौहार

-दिल्ली पुलिस कर्मी मनीष मधुकर ने किया दावत-ए- सुख़न का आयोजन
-विशेष पुलिस आयुक्त ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत
-देश के चुनिंदा 117 शायरों ने सुनायी शायरी

नई दिल्ली। राजधानी में आज हिंदी और उर्दू शायरी का त्यौहार दावत -ए- सुख़न 2 के रूप में मनाया गया। यहां शायरों और कवियों द्वारा गंगो जमुनी तहज़ीब की मिशाल पेश की गयी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विशेष पुलिस आयुक्त दिल्ली शशि भूषण कुमार सिंह ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में तकरीबन 117 शायरों ने अपने कलाम पेश किए। जिनमें लगभग 13 उस्ताद शायरों का नाम शुमार है। इस कार्यक्रम में जहां एक ओर लोगों ने उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाया वहीं दूसरी ओर गीत और दोहों की गंगा में भी डुबकी लगाने का मौका मिला।
दावत-ए-सुख़न 2 का आयोजन दिल्ली के चाँदनी चौक इलाके में दिल्ली पब्लिक लाइब्ररी के अमीर ख़ुसरो सभागार में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और शमा जलाकर की गयी। कार्यक्रम 10 सत्रों में संपन्न हुआ। इस दौरान वरिष्ठ ग़ज़लकार राजेंद्र नाथ रहबर, मंगल नसीम, सीमाब सुल्तानपुरी, बाल स्वरुप राही, सर्वेश चंदौसवी, वक़ार मानवी, ज़फर मुरादाबादी, मंगल नसीम, राणा प्रताप गन्नौरी, देवेंद्र माँझी, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, डॉ० इच्छाराम द्विवेदी, बनज कुमार बनज जी की अध्यक्षता में कवियों ने बेहतरीन क़लाम पढ़े। इस दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि लोगों को साहित्य के साथ हमेशा जुड़े रहना चाहिए व साहित्य का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपसी सदभाव बनाये रखने के लिए ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए। दावत-ए-सुख़न 2 के आयोजन समिति के अध्यक्ष मनीष मधुकर ने बताया कि यह कार्यक्रम उनकी पूरी टीम की कोशिशों का फल है। उन्होंने कहा कि देश भर में कविता के प्रचार प्रसार के लिए व नवोदित कवियों को वरिष्ठ कवियों के सानिध्य में पढ़ने का अवसर प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस दौरान मशहूर उस्ताद शायर देवेन्द्र माँझी की किताब "ग़ज़ल के हिंदी में आसान छंद" का विमोचन भी हुआ।
इस दौरान रसिक गुप्ता, आशीष सिन्हा, अजय अक्स, जितेंद्र प्रीतम, अस्तित्व अंकुर, राम श्याम हसीन, मनोज बेताब, विजय स्वर्णकार, सुधाकर पाठक, सुशीला श्योराण तथा विजय कुमार चौबे आदि लोग उपस्थित रहे।

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