मंगलवार, 23 जनवरी 2024

नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की हयाते तय्यबा

नामे मुबारक :- मुहम्मद (दादा ने रखा) अहमद (वलिदाह ने रखा)
पैदाइश तारिख :- 12 रबीउल अव्वल सन 570 ई.
पैदाइश दिन :- पीर
पैदाइश का वक़्त :- सुबह सादिक़
पैदाइश का शहर :- मक्का शरीफ
दादा का नाम :- शैबा-अब्दुल मुत्तलिब (कुनियत-अबुल हारिस)
दादी का नाम :- फातिमा
वालिद का नाम :-अब्दुल्लाह (कुनियत-ज़बीह)
वालिदा का नाम :-बीबी आमना (कुनियत-अबुल क़ासिम)
नाना का नाम :- वाहब बिन अब्दे मुनाफ
खानदान :-  क़ुरैश
दूध पिलाने वाली ख़ादिमा :- उम्मे एयमन. हलीमा सादिया
वालिद का इंतेक़ाल :- आपकी पैदाइश से पहले।
वालिदा का इंतेक़ाल :- जब आपकी उम्र 6 साल कि थी
(आपकी वालिदा का इंतेक़ाल अब्वा नाम कि जगह पर हुवा, जो मक्का और मदीना के बीच में है)
वालिद और वालिदा के इंतेक़ाल के बाद आपकी परवरिश :- दादा अब्दुल मुत्तलिब ने कि दादा के इंतेक़ाल के वक़्त आपकी उम्र 8 साल थी।
दादा ने परवरिश कि :-  2 साल
दादा के बाद आपकी परवरिश कि :- चाचा अबु तालिब ने की
आपके लक़ब :- अमीन। (अमानतदार) और सादिक़। (सच्चा)
पहला तिजारती सफ़र :- मुल्के शाम
पहला निकाह :- हज़रते खदीजा रदियल्लाहो तआला अन्हा। (मक्का के लोग ताहिरा नाम से पुकारते थे)
निकाह के वक़्त आपकी उम्र :- 25 बरस 
हज़तरे खदीजा रदियल्लाहु  तआला अन्हा कि उम्र :- 40 बरस
ऐलाने नुबुव्वत के वक़्त उम्र :- 40 बरस
पहली वही कि जगह :- ग़ारे हिरा (ग़ारे हिरा जबले नूर पहाड़ पर है)
वही लाते थे :- हज़रते जिब्रईल अलैहिस्सलाम
पहला नाज़िल लफ्ज़ :- इक़रा (पढ़ो)
सबसे पहले औरतो में इस्लाम क़ुबूल किया :- हज़रते खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा ने
सबसे पहले मर्दो में इस्लाम क़ुबूल किया:-  हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़ रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
सबसे पहले बच्चो में इस्लाम क़ुबूल किया:- हज़रते अली रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
आप व आप के साथी बेठा करते थे :- दारे अकरम(दारे अकरम सफा पहाड़ पर है)
पसीना मुबारक :- मुश्क़ से ज्यादा खुशबूदार था।
आप जिस रास्ते से गुज़रते थे लोग पुकार उठते कि यहाँ आप का गुज़र हुवा है।
साया :- आप का साया नही था।
कद:- न ज्यादा लम्बे न कम दरमियानी था।
भवे :- मिली हुई थी।
बाल :- घने और कुछ घुमाव दार थी।
आँखे:- माशा अल्लाह बढ़ी और सुर्ख डोरे वाली।
कुफ्फार मक्का ने बोकात किया:- नुबुव्वत के ऐलान के 9वें साल में।
ताइफ़ का सफ़र :- शव्वाल सन 10 नबवी।
हज़रते खदीजा व अबु तालिब का इंतिक़ाल :- ऐलाने नुबुव्वत के 10वें  साल में (इस साल को अमूल हुजन भी कहा जाता है)
हिजरत :-  ऐलाने नुबुव्वत के 13 साल बाद।
हिजरत के वक़्त उम्र शरीफ :- 53 साल।
मक्का से हिजरत :- मदीना कि जानिब।
हिजरत के साथी :-  हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़ रदियल्लाहो तअला अन्हु।
हिजरत के वक़्त आपने पनाह ली:- ग़ारे सौर यहाँ आपने तीन  राते गुज़ारी।
इस्लामी तारीख का आगाज़ :-   आपकी हिजरत से।
पहली जंग :- गजवाये बद्र इसमें मुसलमानो कि तादाद 313 और काफिरो कि 1000 थी।
हज़रते ज़ैनब से निकाह:- हिजरत के पांचवे साल।
आपने निकाह किये :-  ग्यारह (इतने निकाह आपने इस्लाम और इस्लाम कि तालीमात को फैलाने के लिए किये)
दन्दाने मुबारक शहीद हुए :- जंगे उहद में।
सबसे बढे दुश्मन :- अबु लहब, अबु जहल
पर्दा के वक़्त उम्र शरीफ :- 63 बरस
पर्दा किया :- मदीना मुनव्वरा में


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