नई दिल्ली। इंटीग्रेटेड इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स के द्वारा इंडिया इंटरनेशनल
सेंटर दिल्ली में शुक्रवार को ग्लोबल हुमन रिसोर्स कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन
किया गया जिसमें मानव संसाधन प्रबंधन और आत्मनिर्भर भारत विषय पर चर्चा
हुई
इस अवसर पर ग्लोबल ह्यूमन रिसोर्स कॉन्क्लेव 2023 के संयोजक डॉ विनय
कुमार ने कहा कि मानव संसाधन प्रबंधन के कारण देश में विकास तेजी से हो
रही है और भारत अभी विश्व के पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, माननीय
प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर बढ़
रहा है और इसमें मानव संसाधन लीडरो की अहम भूमिका है, मानव संसाधन के लोग
सॉल्यूशन पर ज्यादा जोर देते हैं प्रॉब्लम पर नहीं, आजकल भारत की इकोनॉमी 4
ट्रिलियन डॉलर है और कुछ साल बाद हम जर्मनी और जापान को भी पीछे छोड़
देंगे, हमें विकास के साथ सतर्क होने की आवश्यकता है, हमने जिनको पीछे
छोड़ा वह हमसे ईर्ष्या भी करेंगे, लेकिन भारत को इससे घबराने की जरूरत
नहीं है क्योंकि भारत किसी का नुकसान नहीं चाहता है और भारत केवल मानवता और
वसुधैव कुटुंबकम को बढ़ावा देता है I
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता
मानव संसाधन लीडर्स संदीप सिंह शासन ने कहा कि प्रधानमंत्री के विभिन्न
योजनाओं के कारण देश आत्मनिर्भर भारत बनने के कगार पर है और देश में शिक्षा
के स्तर को सुधारने की आवश्यकता है, भारतीय सेवा के रिटायर्ड कर्नल और
आईआईएमटी कॉलेज के प्रोफेसर के एन चौबे ने कहा लेबर लॉ में सुधार और
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है,
लैडर 2 सक्सेस के संस्थापक मिशेल खन्ना ने कहा कि मानव संसाधन नीति में
कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि मानव संसाधन को अधिक
प्रभावशाली बनाया जा सके, द्रोणाचार्य कॉलेज के प्रोफेसर साहब सिंह ने कहा
कि उच्च शिक्षा में छात्रों को कौशल विकास और एंटरप्रेन्योरशिप पर जोर देने
की आवश्यकता है, आईएमएस कॉलेज के प्रोफेसर नवीन विरवानी ने कहा डिजिटल
टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के कारण देश में काफी प्रगति हुई है I
कॉन्क्लेव
में मानव संसाधन के अधिकारी एवं विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापक,
रिसर्च स्कॉलर और छात्रों ने भी भाग लिया, धन्यवाद ज्ञापन आईआईएचआर के
संयुक्त सचिव स्वर्णिम दीक्षित ने किया
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