डॉ. आसिफ हुसैन |
नई दिल्ली। आज पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, कोरोना संक्रमण को झेल रहे मरीजों के लिए चेस्ट फिजियोथेरेपी बहुत उपयोगी है। कोरोना संक्रमण की वजह से मरीजों के सीनों और फेफड़ों में कई तरह की समस्या हो सकती है, ऐसे में लोगों में सांस फूलने की समस्या दिखे तो इसमें चेस्ट फिजियोथेरेपी कारगर साबित हो सकता है, चेस्ट फिजियोथेरेपी की मदद से मरीज खुद को पूरी तरह से ठीक और तंदुरुस्त कर सकता है।
कोरोना संक्रमित के कई लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत भी एक प्रमुख लक्षण माना गया है, इसका सीधा संबंध फेफड़ों से होता है। कोरोना के अलावा फेफडों के कई ऐसे रोग है जिन्हें खतरनाक समझा जाता है जैसे: अस्थमा, सीओपीडी, सिस्टिक फाइब्रोसिस आदि। चेस्ट फिजियोथेरेपी में कई प्रकार का ग्रुप होता है जैसे पोस्चरल ड्रैनेज, चेस्ट पर्फ्यूजन, चेस्ट वाइब्रेशन, टर्निंग, डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज और भी ऐसी कई थैरेपी शामिल होती है। जब फेफड़े ठीक से काम नहीं करते या इससे जुड़ी गंभीर बीमारी हो तो फिजियोथेरेपी का सहारा पेशेंट को लेना चाहिए। चिकित्सा क्षेत्र में इसका नाम चेस्ट फिजियोथेरेपी दिया गया है।
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