शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

उम्मीदों के अनुरुप आधुनिक, तीव्र गति और जन सुविधाओं के संतुलन का बजट

 

अवधेश कुमार

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बजट पेश करने के पूर्व कहा था कि बजट देश और रेल के हित में होगा। लोगों की बहुत सी उम्मीदें हैं और हम उस उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी के चेहरे पर खुशियां लाना हमारा उद्देश्य है। सुरेश प्रभु आधुनिकीकरण और सक्षमीकरण की भी बात करते रहे हैं। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री का दर्शन रेलवे को विकास का ईंजन बनाने का है और हम उस पर काम कर रहे हैं। उनके अनुसार बजट का मुख्य उददेश्य रेल को आर्थिक वद्धि का ईंजन बनाना, रोजगार पैदा करना और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं देना है। बजट भाषण में उन्होंने तीन सूत्र दिए -यात्री की गरिमा, रेल की गति और देश की प्रगति। पूरे बजट भाषण का लुव्वोलुवाब यह था कि वर्तमान सरकार रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने के साथ उसे आम आदमी की पहुंच, उसके अधिकतम और सुविधाजनक उपयोग के अनुरुप बनाए रखने को कृतसंकल्प है। एक ओर यदि सुरक्षा उन्नयन, विद्युतीकरण, यार्डो के दोहरीकरण एवं आधुनिकीकरण पर फोकस है तो मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया एवं स्वच्छ भारत अभियान का इसे उदाहरण भी बनाना है। हम समझ सकते हैं कि इन सबके बीच संतुलन बनाना आसान नहीं है। लेकिन प्रभु ने बजट भाषण में यह आत्मविश्वास दिखाया है कि ऐसा वे कर पाएंगे।

वास्तव में सुरेश प्रभु के वर्तमान एवं पिछले बजट भाषणों को एक साथ मिला दे ंतो यह रेलवे के सम्पूर्ण कायाकल्प या समग्र रुपांतरण का मिशन वक्तव्य दिखाई देगा। उन्होंने बजट भाषण के अंत में कहा भी कि हम सात मिशन आरंभ कर रहे हैं जिनके साथ अलग-अलग प्रभारी होंगे। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि ये चुनौतियों का समय और सबसे कठिन दौर है जिसका हम सामना कर रहे हैं। वास्तव में उनका इशारा विश्व स्तर पर आ रही मंदी तथा उसका भारत में पड़ने वाले असर से था। हालांकि बजट से वैसे सुधार समर्थक निराश होंगे जो यात्री भाड़ा में वृद्धि कर रेलवे की आय बढ़ाने तथा वित्तीय चुनौतियों का सामना करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन लोगों के लिए अपनी जेब पर भार न बढ़ना अवश्य राहत की बात है, क्योंकि आम धारणा थी कि किराया अवश्य बढ़ाया जाएगा। ध्यान रखिए कि पिछले वर्ष भी सुरेश प्रभु ने किराया नहीं बढ़ाया था। प्रभु ने अपने भाषण में ही कहा कि यात्रियों के किराये में सब्सिडी के चलते रेलवे को 30 हजार करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। दरअसल, सुरेश प्रभु ने रेलवे के कायाकल्प के लिए राजस्व जुटाने का एप्रोच भी बदला है। उन्होंने कहा कि हम शुल्क राजस्व के अतिरिक्त राजस्व के नये स्रोतों का दोहन करेंगे। रेलवे की पुनर्संरचना में रेलवे बोर्ड के नए तरीके से ढांचागत परिवर्तन होगा जिसका चरित्र निवेश पाने का होगा और इसके लिए बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका में बदलाव होगा और उन्हें कुछ विशेष अधिकार भी दिया जाएग।

अगले पांच साल में रेलवे को नया रंग रूप देने के लिए 8.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। अगले वर्ष 1 लाख 84 हजार 820 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य है। बजट भाषण के अनुसार ऑपरेटिंग अनुपात 90 से बढा़कर 92 के उच्चतम स्तर पर लाया जाएगा। इससे रेलवे को 92 पैसे खर्च करने पर 1 रुपए की आय होगी। प्रश्न उठ रहा था कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की वजह से जो 32 हजार करोड़ रुपए का बोझ रेलवे पर बढ़ने वाला है उसके बारे में प्रभु क्या बोलते हैं। प्रभु ने कहा कि उन्होंने उसका ध्यान रखा है और रेलवे के विकास के साथ इसका भी समाजयोन हो जाएगा। भारतीय जीवन बीमा निगम  और जापान इंटरनेशनल एजेंसी (जाइका) से उन्होंने निवेश कराया है। इस वर्ष निगम 1.5 लाख करोड़ निवेश करेगा। वैसे प्रभु ने विदेशी निवेश का एलान पिछले साल ही कर दिया था। स्पीड ट्रेन सिस्टम, सबअर्बन कॉरिडोर्स जैसे कुछ सेक्टर में 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी मिल चुकी है। जापान, स्पेन, फ्रांस और चीन से समझौते हुए हैं। जापान मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन चलाएगा। सरकार और निजी साझेदारी से विकास की बात कई बजट में हो रही है, लेकिन वह मूर्त रुप में नहीं ले रहा है। खासकर मजदूर संघों के दबाव के कारण सरकारें इस पर तेजी से काम करने से बचती हैं। देखना है प्रभु इसमें कितना सफल हो पाते हैं। रेलवे 17 राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम पर बात कर रही है। महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों ने संयुक्त उद्यम के लिए रेलवे के साथ समझौता कर लिया है। इसके तहत संयुक्त उद्यम में 51 प्रतिशत शेयर राज्यों का और 49 प्रतिशत शेयर केंद्र का होगा। प्रभु के अनुसार 124 सांसदों ने सांसद निधि से यात्री सुविधाओं के विकास में योगदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।गैर उत्पादक और लाभकारी निवेश को बंद करने की जो बात उनने की है वह महत्वपूर्ण है। बड़े पैमाने पर लंबित पड़े पुराने कार्यों को पूरा करने और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूंजी व्यय की दर बढायी है। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए निवेश 1.21 लाख करोड़ रुपए रहेगा। तो वित्तपोषण एवं वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्हांेने कछ नए एप्रोच अपनाए हैं।

रेल बजट के मूल्यांकन में सबसे पहला स्थान यात्रिओं और आम आदमी से संबंधित पहलुओं का होता है। रेल मंत्री ने घोषणा किया है कि 2020 तक आम आदमी की सभी आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। अनारक्षित यात्रियों के लिए दीनदयाल डिब्बों एवं अंत्योदय एक्सप्रेस की व्यवस्था की गई है। यह रेल गरीबों का सुपरफास्ट होगा। व्यस्तम रूटों पर डबल डेकर ट्रेन शुरू किया जाएगा। हमसफर, तेजस और उदय नाम से तीन नई ट्रेनें शुरू की जाएगी। 182 नया हेल्पलाइन नंबर मिला है, जिस पर फोन या एसएमएस करने से तुरंत सहायता मिले सकेगी। 2020 तक जब चाहें तब टिकट मिलने के लक्ष्य की घोषणाएं हुईं हैं। हर डिब्बे में बुजुर्गों को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। गूगल की मदद से 400 स्टेशनों पर वाई-फाई स्टेशनों की सुविधा शुरू की जाएगी। रेलों की स्वच्छता लंबी कवायद के बाद भी समस्या बनी हुई है। बजट घोषणा के अनुसार यात्रियों की मांग पर तुरंत बोगिया साफ होंगी। प्रभु ने कहा कि रेलवे स्वच्छ रेल की ओर काम कर रहा है। सफाई के लिए क्लीन माई कोच सुविधा आरंभ किया जाएगा। एसएमएस से रेलों में सफाई आरंभ होगी। दिव्यांगों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग को सुविधाजनक बनाया जाएगा तथा वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए लोअर बर्थ का कोटा बढ़ाना भी स्वागतयोग्य है। रेलवे के आरक्षण कोटे में पहली बार महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अब हेल्पलाइन नंबर 139 के जरिए टिकट को कैंसिल भी करवाया जा सकेगा। पहली बार मनोरंजन के लिए गाड़ियों में एफएम रेडियो की व्यवस्था की घोषणा है। इससे रेल मंत्री का यह कथन साकार होता है कि उपभोक्ता की जरूरत के मुताबिक ही काम होगा।

मोदी ने सत्ता में आने के पूर्व ही तीर्थ स्थानों के लिए विशेष रेलों और उन स्टेशनों को आकर्षक बनाने की बात की थी। पिछले बजट में भी इसकी घोषणा थी। इस बजट में  आस्था सर्किट ट्रेन चलाने की बात है जो महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों को जोड़ने का काम करेगी। तीर्थ स्थल अमृसर, नासिक, विशाखापट्नस, पुरी, वाराणसी, वास्को आदि इसमें शामिल होंगे। इससे यकीनन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कुछ रेलों में जरूरी दवाएं और बच्चों के लिए दूध भी मिल सकेगा। भोजन की गुणवत्ता को लेकर हमेशा शिकायत रहती है। आईआरसीटीसी को ई-कैटरिंग सेवा देखने की जिम्मेवारी दी गई है। इसके लिए किचन बेहतर किए जाएंगे। हर तत्काल काउंटर पर सीसीटीवी लगे होंगे। पैसेंजर ट्रेनांे की रफ्तार बढ़ाने की घोषणा इसलिए राहतकारी है, क्योंकि इन पर यात्रा करने वाले स्थानीय लोगों का समय जरुरत से ज्यादा जाया होता है। आम रेलों में भीड़ की चुनौती से निपटने के लिए 65 हजार नया बर्थ तैयार हुआ है। इनका नॉन एसी कम्पार्टमेंट में यूज किया जाएगा। 5300 किलोमीटर नई लाइन तैयार करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। रात्रिकालीन चलने वाली डबल डेकर उदय एक्सप्रेस ट्रेन को व्यस्त मार्गों पर चलाया जायेगा। इन ट्रेनों में सामान्य ट्रेनों से 40 प्रतिशत अधिक यात्री सफर कर सकते हैं। तीन सीधी और पूर्णतया वातानुकूलित हमसफर रेल गाड़ियां 130 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चलेंगी। साथ ही कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर पायलट आधार पर बार कोड वाले टिकट की शुरूआत होगी।

यात्रियोें की सुविधा के साथ सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण आयाम है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 20 प्रतिशत कम दुर्घटनाएं हुईं। प्रभु ने कहा कि हम इस हालत को और सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और शून्य दुर्घटना तक पहुंचने का लक्ष्य है। तो क्या हैं कोशिश? इसके लिए जापान और साउथ कोरिया से मदद ली जा रही है। 311 स्टेशनों पर सीसीटीवी सुरक्षा कायम होगी। महिला सुरक्षा के लिए सवारी डिब्बों में मध्यम भाग को आरक्षित किया गया है। दुर्घटनाएं कम करने के लिए दुनिया के प्रमुख रेल संस्थानों, टेक्निकल रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के साथ रिसर्च और विकास साझेदारी शुरू की गई है। रेलवे को शून्य दुर्घटना यानी दुर्घटना रहित बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जीपीएस आधारित सिस्टम लगेगा।

रेलवे के विकास की दूरगामी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय रेल योजना की शुरुआत की गई है। रेलवे के आधुनिकीकरण योजना में इस वित्तीय वर्ष में 1600 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया गया है। अगले साल तक इस क्षमता को बढ़ाकर 2,000 किलोमीटर किया जाएगा। वर्ष 2020 तक मानव रहित फाटक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। 2 हजार स्टेशनों पर रेल डिस्प्ले नेटवर्क होगा। बजट में स्मार्ट सवारी डिब्बे को बनाने की योजना है। इसके अनुसार नए स्मार्ट कोच उपभोक्ता की जरूरत के मुताबिक होंगी। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इस साल ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की गई जिसमें एसएमएस, ई-मेल के जरिए अलर्ट जारी हो रहे हैं। उच्च भार वहन क्षमता वाले रेल इंजन का निर्माण हो रहा है, जिससे ट्रेनों की वहन क्षमता बढ़ेगी। मिशन रफ्तार के तहत मालगाड़ियों की रफ्तार औसतन बढ़ाई जाएगी। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि रेलवे में माल ढुलाई विलम्ब से पहुुंचने का पर्याय हो गया था जिसमें थोड़ा अंतर आया है लेकिन इसे पूरी तरह परिवर्तित करना होगा। यात्रियों की तरह माल भी तीव्र गति से पहुंचाए जाने आवश्यक है। चेन्नई में इंडिया का पहला ऑटो हब बनेगा। 400 रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई युक्त बनाया जाएगा और इस साल 100 स्टेशनों पर यह सुविधा होगी। 400 स्टेशनों का सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए आधुनिकीकरण किया जाने की योजना है। हालांकि सार्वजनिक निजी भागीदारी की बात लंबे समय से हो रही है पर इस दिशा में अब तक बहुत सफलता मिली नहीं है। तो देखना होगा प्रभु और मनोज सिन्हा की जोड़ी इसे कैसे पूरा कर पाती है। साथ ही वित्त वर्ष 2016-17 में रेलवे पूरी तरह से कागज मुक्त अनुबंध व्यवस्था को अपना लेगा। 17 हजार बायो टॉयलेट इस साल के अंत में लगेंगे। पहला बायो वैक्यूम टॉयलेट डिब्रूगढ़ राजधानी में लगेगा।

इस तरह उम्मीदांें के अनुरुप सुरेश प्रभु के इस बजट को आधुनिकीकरण, तीव्र गति पाने के साथ आर्थिक विकास में योगदान देने और जन सुविधाओं के संतुलन का बजट मानना होगा। हालांकि मूल समस्या योजनाओं के क्रियान्वयन रही है। घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर संदेह हमेशा रहा है। इस बार बजट के साथ क्रियान्वयन रिपोर्ट डाला गया है। रेल मंत्री के अनुसार 192 घोषणाओं पर काम हुआ है। तो उम्मीद करनी चाहिए कि बजट की घोषणाओं को हम क्रियान्वित होते देखेंगे।

अवधेश कुमार, ई.ः30, गणेश नगर, पांडव नगर कॉम्प्लेक्स, दिल्लीः110092, दूर.ः01122483408, 09811027208

 

 

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