शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का मतलब

अवधेश कुमार

अगर सदस्यता के आधार पर देखें तो भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी हो गई है। हालांकि 3 4 अप्रैल को बेंगलुरु में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इसकी औपचारिक घोषणा होगी। लेकिन अभी तक जितने सदस्यों की सदस्यता की पुष्टि हो चुकी है यानी जिनका नियमों के अनुसार निबंधन हो चुका है उनकी संख्या  8 करोड़ 82 लाख बताई गई है। विश्व में सबसे ज्यादा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या 8 करोड़ 4 लाख है। चीन में दूसरी कोई पार्टी नहीं है, इसलिए जो सदस्य होंगे वो एक ही पार्टी के होंगे। भारत में चूंकि कई पार्टियां हैं, इसलिए इसका उस आंकड़े को पार करना महत्वपूर्ण है। ध्यान रखने की बात है कि सदस्यता ग्रहण करने वालों की कुल संख्या 16 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन मिस्ड कॉल के जरिए सदस्यता ग्रहण करने वालों में से जिनकी प्रक्रिया पूरी नहीं हुईं हैं उनको अनिबंधित माना जा रहा है। अभियान को विस्तार देते हुए पार्टी का अगला कदम यह हो सकता है कि जहां-जहां से मिस्ड कॉलें प्राप्त हुईं हैं, उनसे संपर्क स्थापित करेगी। यानी भाजपा की बात मान ली जाए तो निबंधन होते ही इसकी सदस्य संख्या इतनी हो जाएगी जहां तक पहुंचना निकट भविष्य में शायद ही किसी दल के लिए संभव हो सके। जाहिर है, इसके परिणाम भारतीय राजनीति पर बहुआयामी होने चाहिएं।   
दरअसल, लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जब रिकॉर्ड 17 करोड़ 16 लाख 57 हजार 549 वोट मिले तो नरेन्द्र मोदी के दिमाग में यह विचार आया कि क्यों न पार्टी की सदस्य संख्या इसके आसपास पहुंचाई जाए। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि देश को एक पीएम नहीं करोड़ों पीएम चाहिए....पीएम यानी प्राइमरी मेम्बर यानी प्राथमिक सदस्य। उसके बाद कैसे किया जाए यह विचार हुआ। विशेष सदस्यता अभियान की टैगलाइन ‘सशक्त भाजपा, सशक्त भारत’ रखी गई है। फिर दिनेश शर्मा इसके राष्ट्रीय प्रभारी बने, इसी तरह राज्यों और निचली ईकाइयों के प्रभारी नियुक्त हुए एवं पूरी पार्टी मशीनरी इस काम में लग गई। 1 नवंबर से इसकी शुरुआत हुई। भाजपा ने सदस्यता अभियान के लिए हाइटेक शैली को चुना। पार्टी का सदस्य बनने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर पर एसएमएस भेजकर सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता था। इस नंबर पर प्रेषित संदेश पार्टी की ओर से बनाए गए सदस्यता पंजीकरण बूथ पर सीधे पहुंच रहा था और यहां से सदस्यता संबधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी जातीं थीं। इससे विदेशों में रह रहे भारतीय भी पार्टी की सदस्यता ले सके। पार्टी ने मोबाइल फोन और इंटरनेट यूजर्स को ध्यान में रखकर ऐसी व्यवस्था की। तो तनकीनों के कारण भाजपा को अपनी सदस्यता अभियान में लाभ हुआ। वास्तव में इस अभियान को जिस आधुनिक तरीके से चलाया गया उसका इस सफलता में भारी योगदान रहा। मिस्ड कॉल से अभियान में हिस्सा लेने का तरीका उस ब्लॉक स्तर के सदस्यता अभियान से ज्यादा सुविधाजनक था। यही काम पहले आम आदमी पार्टी ने किया था, लेकिन उसका इतना व्यवस्थित नहीं था। तब भी उसने दो करोड़ सदस्य बनने का दावा किया था।
यदि पार्टी की मानवीय मशीनरी नहीं हो तो फिर केवल तकनीक आपकी सहायता नहीं कर सकता है। वास्तव में सदस्यता अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. दिनेश शर्मा और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसके लिए कम से कम 20 राज्यों का दौरा किया। इस पर कितना जोर दिया गया वह कुछ आंकड़ों से साफ हो जाता है।  एक नवंबर 2014 से शुरू इस 151 दिनों तक चलने वाले सदस्यता महाभियान में पहले एक महीने में एक करोड़, दूसरे में 22 दिनों में एक करोड़ से अधिक, अगले 13 दिनों में एक करोड़, अगले 16 दिनों में एक करोड़ से अधिक, इसके बाद 18 दिनों में एक करोड़ से अधिक, फिर 21 दिनों में एक करोड़, अगले 15 दिनों में एक करोड़, 8 करोड़ के लिए मात्र आठ दिनों में एक करोड़, इस तरह 23 मार्च तक मोबाइल द्वारा रजिस्टर्ड सदस्यों की संख्या आठ करोड़ 20 लाख से ऊपर पहुंच गई थी। ध्यान रखिए इसमें मोबाइल नेटवर्क नहीं होने वाले स्थलों में रसीद से बने सदस्य और कंप्यूटर पर ऑनलाइन सदस्यता ग्रहण वाले और मिस्ड काल के सदस्यों की संख्या सम्मिलित नहीं है। जिन लोगों ने मिस्ड कॉल के जरिए सदस्यता ग्रहण की है और प्रक्रिया पूरी नहीं की है या अन्य वजहों से किसी अन्य विकल्प में प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उनकी स्क्रूटनी की जाएगी। अप्रैल और मई में सदस्यों की सूची तैयार की जाएगी। मई के बाद सूची में शामिल लोगों के घर-घर जाकर परिचय पत्र दिया जाएगा। तो अंतिम संख्या आने में अभी समय लगेगा। गिन्नीज बुक वाले भी इस पर नजर रखे हैं और पुष्टि होते ही वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की जगह भाजपा का नाम लिख देंगे।
अगर थोड़ी भी गहराई से विचार करें तो इसके पीछे की सोच एवं इसके अपेक्षित परिणामों को दृश्य आपके सामने आ जाएगा। एक साथ इतने सदस्य यदि वाकई किसी पार्टी के हो जाएं तो फिर किसी आंदोलन, अभियान या फिर चुनाव में उसकी क्या हैसियत हो सकती है यह बताने की आवश्यकता नहीं। भाजपा को लोकसभा में उतने अधिक मत तब प्राप्त हुए जब उसकी सदस्य संख्या 3 करोड़ 25 लाख के आसपास थी। आज की राजनीति में किसी पार्टी के 13-14 करोड़ सदस्य हों तो फिर इतने से ही वह लोकसभा की सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है और कई राज्य विधानसभाओं में भी बहुमत पा सकती है। इसके समानांतर कांग्रेस का सदस्यता अभियान विफलता का शिकार हो गया जिसका गुस्सा राहुल गांधी ने नेताओं पर उतारा था। यानी दूसरी कोई पार्टी यह कार्य नहीं कर रही है।
 परिणामांे के आकलन के लिए एक उदाहरण देखिए। उ. प्र. में भाजपा को पिछले चुनाव में 1 करोड़ 13 लाख 71 हजार 80 तथा सत्तारुढ़ सपा को 2 करोड़ 20 लाख 90 हजार 571 मत मिले। जरा सोचिए, पार्टी के दावे के अनुसार उत्तर प्रदेश में इसकी सदस्य संख्या ही हो गई है, 1 करोड़ 50 लाख। ऐसे ही पश्चिम बंगाल में सदस्य संख्या काफी बढ़ी है। अगर वाकई ये अपने मन से सदस्य बने हैं और भाजपा के दावों में सच्चाई है तो फिर चुनाव में पड़ने वाले मतों की कल्पना कर लीजिए। उत्तर प्रदेश में यदि केवल सदस्यों ने अपना मत डाल दिया तथा आधे सदस्यों ने भी एक-एक मत डलवा दिया तो यह वर्तमान सपा के मतों से पार कर जाएगा। हालांकि सत्ता में होने के बाद पार्टी की सदस्य संख्या या ऐसे अभियानों को यूं ही ताकत मिल जाती है। लेकिन प्रश्न यही है कि क्या जो लोग सदस्य बने हैं वे सारे वास्तविक हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि नेताओं ने लक्ष्य पूरा करने के लिए कुछ गड़बड़ी भी की है? अगर यह सच है तो फिर भारतीय राजनीति में भाजपा संख्याबल के गणित में ज्यादातर पार्टियों को पछाड़ने की दिशा में बढ़ रही है। परिचय पत्र बांटने के दौरान भी काफी हद तक इसकी पुष्टि हो जाएगी।
हालांकि सदस्यता ताकत तो है पर एकमात्र वही किसी पार्टी की ताकत की पहचान नहीं हो सकती। कार्यकर्ता का दल, विचार एवं नेतृत्व के प्रति सम्मान और समर्पण इसका मूल होता है। अभी भाजपा भी यह दावे के साथ नहीं कह सकती कि वाकई उनने जिन्हें सदस्य बनाया वे सम्मान और समर्पण के साथ बने हैं। कहा जा रहा है कि जून और जुलाई में नए कार्यकर्ताओं के लिए गह जगह-जगह प्रशिक्षण शिविर आयोजित कराए जाएंगे। इसके साथ  उन तक पार्टी से जुड़ी योजनाओं की जानकारी मुहैया करवाएगी। निस्संदेह, प्रशिक्षण से ही सदस्यों का कार्यकर्ता और फिर नेता की दिशा में रुपांतरण होता है। तो हमें देखना होगा। लेकिन इस समय तो हमें यह मानकर चलना होगा कि भाजपा सदस्य संख्या के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है जिससे भारत की राजनीति दूरगामी तौर पर प्रभावित होगी।
अवधेश कुमार, ई.ः 30, गणेश नगर, पांडव नगर कॉम्प्लेक्स, दिल्लीः110092, दूर.ः 01122483408, 09811027208

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