गुरुवार, 6 मार्च 2025

मुनव्वर राना के लिखे वो 20 शेर जो ज़ुबान पर चढ़ गए

1. इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए

आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिए

2. ज़िंदगी तू कब तलक दर-दर फिराएगी हमें

टूटा-फूटा ही सही घर-बार होना चाहिए

3. बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग

इक दूसरे के साथ वफ़ा के बग़ैर भी

4. एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया

इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे

5. भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है

मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है

6. ताज़ा ग़ज़ल ज़रूरी है महफ़िल के वास्ते

सुनता नहीं है कोई दोबारा सुनी हुई

7. हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं

जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं

8. अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है

जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है

9. कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा

तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा

10. किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई

11. मैं इस से पहले कि बिखरूँ इधर उधर हो जाऊँ

मुझे सँभाल ले मुमकिन है दर-ब-दर हो जाऊँ

12. मसर्रतों के ख़ज़ाने ही कम निकलते हैं

किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते हैं

13. मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता

अब इस से ज़यादा मैं तेरा हो नहीं सकता

14. मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

माँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी

15. वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है

रेत पर ओस से इक नाम लिखा होता है

16. मैं भुलाना भी नहीं चाहता इस को लेकिन

मुस्तक़िल ज़ख़्म का रहना भी बुरा होता है

17. तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में

हमारा घर तेरे घर से कभी ऊँचा नहीं होगा

18. ये हिज्र का रस्ता है ढलानें नहीं होतीं

सहरा में चराग़ों की दुकानें नहीं होतीं

19. ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया

मैं मोहतरम हुआ तो ज़माने से कट गया

20. उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर

ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया।

बुधवार, 5 मार्च 2025

वर्तमान बीजेपी सरकार पीडीए समाज को उनके अधिकारों से वंचित करने का काम कर रही है : लखन प्रताप

-सपा नेता लखन प्रताप ने ददरौल के ग्राम पंचायत-सिसोआ में किया पीडीए चर्चा का आयोजन

असलम अल्वी

शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा चलाए जा रहे पीडीए चर्चा कार्यक्रम आज दिनाक 05/03/2025 को 37वें दिन का आयोजन जनपद शाहजहांपुर के विधानसभा क्षेत्र 136 ददरौल विधानसभा शाहजहांपुर में किया गया । विगत 27 जनवरी से लगातार क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सपा नेता लखन प्रताप सिंह द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रमों के क्रम में आज क्षेत्र के ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत-सिसोआ में  अध्यक्षता (उस्मान खां) सत्येंद्र यादव जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी असलम खान महानगर उपाध्यक्ष सब्बन खा, आसिफ, वलीशेर, शमशाद, इसरार अली, मोहम्मद खान, मोहसिन, तैरूफ, खान जुनैद, आकिब, तौफीक, अलाउद्दीन, गुड्डू अली, इकरार, आयोजन किया गया कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए बुजुर्गों महिलाओं और युवाओं का सपा नेता लखन प्रताप ने स्वागत किया इस दौरान पीडीए परिवार में शामिल हुए लोगो का सपा नेता द्वारा फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत करते अन्य लोगो से भी पीडीए परिवार में शामिल होने को अपील करते हुए कार्यक्रम में भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुटता का आवाहन करते हुए आगामी 2027 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही।

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सपा नेता लखन प्रताप सिंह ने भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाए इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पीडीए समाज को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है। उन्होंने पीडीए समाज से 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा को पूर्ण बहुमत दिलाने का आह्वान किया। सपा नेता लखन प्रताप ने कहा कि सामाजिक एकजुटता से राजनीतिक शक्ति हासिल करनी होगी। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया। कहा कि जनगणना से पीडीए समाज को उनकी संख्या के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। अपने संबोधन में उन्होंने प्रदेश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अशिक्षा जैसी समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज महंगाई चरम सीमा पर है लेकिन बीजेपी नेताओं को महंगाई कही नहीं दिख रही हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है बिना रिश्वत के कोई काम नहीं हो रहा लेकिन भ्रष्टाचार जीरो दिखा रही है शिक्षा का व्यापारीकरण बहुत तेजी के साथ बढ़ने के कारण शिक्षा का ध्रुवीकरण कारण हो जाने के कारण आम जनमानस में अशिक्षा बढ़ रही है क्योंकि आम आदमी शिक्षा पर इतना नहीं खर्च कर सकता हर क्लास की फीस में बढ़ोतरी हुई है इसके अलावा स्टाम्प से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस की फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है जो ड्राइविंग लाइसेंस 60 रुपए में बन जाता था आज उसके 15 सौ रुपए खर्च हो जाते है इसके साथ दुश्वारियां अलग से है फिर भी इन्हें सब कुछ अच्छा दिखाई दे रहा है और जनता को दिखा रहे है।

इस मौके पर , महासचिव समाजवादी पार्टी सतेंद्र यादव जिला उपाध्यक्ष असलम खां (महा नगर उपाध्यक्ष) गामा खां (कटिया) गौटिया, सुभाष कुमार आकाश कुमार, शबाब खान, तौसीफ खान, अकरम खान, इमरान खान शहजाद खान, सुनील, श्याम लाल, शकीरा,  नेत्रपाल सिंह, नरसिंह यादव, विजय कुमार, बलवीर, ओमवीर यादव धर्मेंद्र कुमार तरीका खां, मोहसिन खान, नन्हे लाला, शरद शर्मा, दीपक द्विवेदी, सर्वेश यादव अहसान अली, रजनीश कुमार, रामशंकर, राजेंद्र सिंह, ओमपाल, आनंद प्रकाश, आरव सिंह, शिशुपाल आकाश कुमार गौतम, वीरपाल सिंह जमाल भाई, सुनील, मोनू,  आदि मौजूद रहे।

कांशी राम की विरासत और मायावती की तर्ज़-ए-सियासत

निर्मल रानी 

1980 के दशक में बसपा प्रमुख कांशी राम पूरे देश में घूम घूम कर भारतीय समाज को 85 : 15 का जनसँख्या अनुपात समझाते थे और यह बताते थे कि 15 प्रतिशत कथित उच्च जाति के लोग शेष 85 प्रतिशत जातियों व समुदायों के लोगों पर राज कर रहे हैं। और तभी यह नारा प्रचलित हुआ था - वोट हमारा,राज तुम्हारा - नहीं चलेगा,नहीं चलेगा। 
जैसे जैसे कांशी राम के नेतृत्व में यह बहुजन आंदोलन आगे बढ़ता गया वैसे वैसे मनुवाद तथा सनातन व्यवस्था में उल्लिखित वर्ण व्यवस्था पर इनका आक्रमण और तेज़ होता गया। यहाँ तक कि 'तिलक,तराज़ू और तलवार जैसा 'अभद्र नारा भी उन्हीं दिनों में ख़ूब प्रचलित हुआ। यही वह आंदोलन था जिसमें दलित पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्ग के लोग जुड़ते चले गये। यानी कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंक धीरे धीरे खिसकना शुरू हो गया। इसी बीच कांशीराम ने 1984 में बहुजन समाज पार्टी नामक एक नये राजनैतिक दल की स्थापना कर दी। उसी दौरान कांशी राम की भेंट मायावती से हुई जोकि उस समय वकालत व बीएड करने के बाद दिल्ली इंद्रपुरी स्थित जेजे कॉलोनी में एक अध्यापिका के रूप में कार्यरत थीं और साथ ही सिविल सर्विसेज़ परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही थीं। तभी कांशी राम ने मायावती के तेज़ तर्रार व्यक्तित्व से प्रभावित होकर कहा था कि - "मैं तुम्हें एक दिन इतना बड़ा नेता बना सकता हूं कि एक नहीं बल्कि आईएएस अधिकारियों की पूरी क़तार तुम्हारे आदेशों का पालन करने के लिए लाइन में खड़ी हो जाएगी।" तभी से वे कांशी राम के सहयोगी के रूप में उनके साथ प्रायः देखी जाने लगीं तथा उनके 'क्रन्तिकारी ' व उत्तेजक भाषण भी लोगों को प्रभावित करने लगे।                             

कांशीराम का 9 अक्टूबर 2006 को 72 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कांशीराम के जीवन के अंतिम दौर में उनकी विरासत को लेकर बसपा के भीतर तथा कांशीराम के परिजनों के द्वारा काफ़ी विवाद भी खड़ा किया गया। परन्तु तेज़ तर्रार मायावती तब तक कांशी राम पर व उनकी विरासत रुपी बसपा पर पूरा नियंत्रण कर चुकी थीं। यही वजह थी कि बौद्ध धर्म के अनुसार हुये कांशीराम के अंतिम संस्कार में उनके परिजनों ने नहीं बल्कि स्वयं मायावती ने ही उनकी चिता को अग्नि दी। अब पार्टी में उन्हें 'बहन जी ' के नाम से बुलाया जाने लगा। 
कांशीराम के नेतृत्व में ही बीएसपी ने 1999 के संसदीय चुनावों में 14 संसदीय सीटें जीतीं थीं। मायावती को चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बैठने का भी सौभाग्य हासिल है। परन्तु यह कहना ग़लत नहीं होगा कि जिस बसपा को कांशीराम ने एक मिशन के रूप में स्थापित किया था और कांशी राम के जिस मिशन से बड़े सामाजिक परिवर्तन की आहट महसूस हो रही थी, पार्टी पर मायावती का वर्चस्व होने के बाद वही मिशन,वही पार्टी अब सत्ता,वैभव,आत्ममुग्धता और परिवारवाद का शिकार होती नज़र आने लगी। यहाँ तक कि केवल सत्ता हासिल करने के लिये बुनियादी विचारों से भी समझौता करने लगीं। जिस 'मनुवादी ' व्यवस्था के विरुद्ध बसपा का जन्म हुआ था, 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में उसी ब्रह्मण समुदाय के समर्थन की ज़रुरत महसूस हुई तो तिलक,तराज़ू और तलवार जैसा नारा भी बदल गया। 2007 में बहुजन समाज पार्टी, सर्वजन समाज की बातें करने लगी।  और यह नया नारा लगा - हाथी नहीं, गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश है। उस समय उत्तर प्रदेश में 37 प्रतिशत ब्राह्मणों ने पार्टी को वोट दिया था। 

परन्तु चार बार देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद अन्य सत्ताधीशों की ही तरह मायावती भी अहंकार के साथ साथ परिवारवाद का भी शिकार होती चली  गयीं।  कभी अपने को ज़िंदा देवी बतातीं तो कभी अपने भाई व भतीजे के मोह में डूबती नज़र आतीं। कभी अपनी हार का ठीकरा मुसलमानों पर फोड़तीं तो कभी उनपर पार्टी का टिकट बांटने में लोगों से करोड़ों रूपये वसूलने का आरोप लगा। हद तो यह कि अपने जीवनकाल में ही मायावती ने बाबा साहब आंबेडकर व कांशी राम के साथ ही अपनी भी प्रतिमायें लगवा डालीं। जिसतरह कांशी राम को अपने परिवार से अलग उत्तराधिकारी के रूप में मायावती नज़र आयी थीं उस तरह  मायावती को परिवार से बाहर अपनी पार्टी का कोई योग्य नेता नज़र ही नहीं आया। और आख़िरकार मायावती के इन्हीं स्वार्थपूर्ण फ़ैसलों के चलते उनकी पार्टी का जनाधार घटता चला गया।

पिछले लोकसभा चुनावों से पूर्व जब इण्डिया गठबंधन वजूद में आया तो मायावती उस विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनीं। उसी समय यह अंदाज़ा लगाया जाने लगा था कि मायावती भाजपा के प्रति नरम रुख़ अपना रही हैं। इसके पीछे के कारणों से भी अनेक राजनैतिक विश्लेषक बखूबी वाक़िफ़ हैं। पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने मायावती पर बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए स्पष्ट रूप से यह कह दिया था कि यदि बीएसपी 'इंडिया' गठबंधन में होती तो पिछले वर्ष हुये लोकसभा चुनावों में एनडीए की जीत नहीं होती। इस आरोप से तिलमिला कर मायावती ने कांग्रेस को ही बीजेपी की 'बी' टीम बता डाला। जबकि देश देख रहा है कि इस समय देश में सत्ता,भाजपा व संघ के विरुद्ध जितना राहुल गाँधी मुखर हैं उतना कोई नहीं जबकि मायावती के रवैये से तो पता ही नहीं चलता की वे विपक्ष में हैं या सत्ता के साथ ?

सच तो यह है कि मायावती के नेतृत्व में बसपा का न केवल समाज में प्रभाव कम होता जा रहा है बल्कि संगठन भी बिखराव के दौर से गुज़र रहा है। पिछले दिनों जिसतरह उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक समेत सभी मुख्य पदों से हटा दिया और दो दिन बाद ही उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया उससे भी यही सन्देश गया कि मायावती को अपने परिवार के बाहर भी कोई उत्तराधिकारी नज़र नहीं आया और जिस भतीजे को अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बनाया भी उससे भी जल्द ही पीछा छुड़ा लिया ? इस तरह के ढुलमुल फ़ैसलों का प्रभाव निश्चित रूप से पार्टी पर ज़रूर पड़ेगा। सच तो यही है कि कांशी राम की विरासत के रूप में मिले व्यापक जनाधार वाले राजनैतिक दल को मायावती की तर्ज़-ए-सियासत के चलते काफ़ी नुक़सान हुआ है।

मंगलवार, 4 मार्च 2025

उपराज्यपाल महोदय के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों को उनके खराब व्यवहार और कार्यवाही में बाधा डालने के कारण मुझे उन्हें बाहर निकालना पड़ा: विजेंद्र गुप्ता

प्रेस को संबोधित करते हुए  विधानसभा अध्यक्ष, विजेन्द्र गुप्ता 


संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा की सरकार बन गई है और नई सरकार का गठन भी हो गया है। यह आठवीं विधानसभा है जिसका पहला सत्र समाप्त हो चुका है। सत्र के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष, विजेन्द्र गुप्ता ने  प्रेस  कांफ्रेंस का संबोधित करते हुए इस पूरे सत्र की संक्षिप्त जानकारी मुहैया करवाई जिसके विवरण नीचे दिया गया है।प्रेस को संबोधित करते हुए  विधानसभा अध्यक्ष, विजेन्द्र गुप्ता ने कहा प्रिय मित्रों, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में, अपनी इस पहली प्रेस कांफ्रेंस में आप सबका स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।

आठवीं विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी, 2025 को शुरू हुआ और 03 मार्च, 2025 की सदन अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हुआ। सदन की बैठकें 24, 25, 27, 28 फरवरी और 03 मार्च, 2025 को आयोजित की गई। इन पांच बैठकों के दौरान कुल 18 घंटे 18 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। पांच दिनों तक विभिन्न अवसरों पर कुल 126 सदस्यों ने सदन में अपने विचार व्यक्त किये। विधान सभा के पहले ही सत्र में इतने सदस्यों को बोलने का अवसर मिलना किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है।

इस उद्देश्य के लिए स्थापित परम्परा के अनुसार, सदस्यों ने पहले दिन 24 फरवरी, 2025 को शपथ ली। बरिष्ठ सदस्य श्री अरविंदर सिंह लवली को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। दिनांक 25 फरवरी, 2025 को माननीय उपराज्यपाल महोदय ने सदन को सम्बोधित किया तथा उन मुद्दों के बारे में व्याख्या की, जिन पर सरकार दिप्ती के विकास तथा लोगों की भलाई के लिए कार्य करेगी। उपराज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सदन में 28 फरवरी, 2025 को पारित किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 16 सदस्यों ने भाग लिया तथा माननीय मुख्यमंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया।

मैंने 03 मार्च, 2025 को माननीय उपराज्यपाल महोदय से मुलाकात की तथा धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बारे में उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचना दी। उपराज्यपाल महोदय ने सदन को अपना संदेश भेजा, जिसे मैंने कल सदन की बैठक के दौरान पढ़कर सुनाया।

दुर्भाग्य से, 25 फरवरी, 2025 को उपराज्यपाल महोदय के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों को उनके खराब व्यवहार और कार्यवाही में बाधा डालने के कारण मुझे उन्हें बाहर निकालना पड़ा। उपराज्यपाल महोदय का अभिभाषण बहुत पवित्र और गंभीर अवसर होता है तथा माननीय उपराज्यपाल महोदय उस समय अपने संबैधानिक कर्त्तव्य का पालन कर रहे थे। विधानसभा के प्रक्रिया नियमों के अनुसार, माननीय उपराज्यपान के अभिभाषण के दौरान कोई भी बाधा नहीं डाली जा सकती। उपराज्यपाल महोदय के अभिभाषण में बाधा डालने के कारण, बाद में सदन ने विपक्ष के सदस्यों को तीन बैठकों के लिए निलम्बित कर दिया।

मुझे इस बात की भी पीड़ा है कि नेता प्रतिपक्ष और उनकी पार्टी के सदस्यों ने पहले ही दिन सदन की कार्यवाही को उस समय बाधित किया, जब उन्हें अध्यक्ष पद पर मेरे चुनाव के बाद बोलने के लिए कहा गया था। सदन में 27 फरवरी, 2025 को श्री मोहन सिंह विष्ट जी को उपाध्यक्ष चुना गया।

पहले सत्र का अन्य मुख्य बिंदु सीए‌जी की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करना रहा। जैसा कि आप सब जानते हैं, आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा सीएजी रिपोर्टों को सदन में प्रस्तुत करने में अनावश्यक देरी करने के बारे में मैंने भी मक्रियता से कार्यवाही की और इसके लिए हमें माननीय उच्च न्यायालय भी जाना पड़ा।

दिल्ली में शराब के विनियम और आपूर्ति पर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट 25 फरवरी, 2025 को माननीय मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्तुत की। सदस्यों की मांग के बाद, इस पर सदन में दो दिन चर्चा भी की गई। इस चर्चा में 23 सदस्यों ने भाग लिया।

दिनांक 28 फरवरी, 2025 को माननीय मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन' पर सीएजी की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

सदन में इस रिपोर्ट पर भी 28 फरवरी और 03 मार्च को चर्चा हुई। इस चर्चा में भी 23 सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये। सदन की लोक लेखा समिति इन रिपोर्टो की जांच करेगी। मैंने यह निर्देश दिया है कि लोक लेखा समिति तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। संबंधित विभागों यानि आवकारी और स्वास्थ्य विभाग को एक महीने के अंदर अपने 'एक्शन टेकन नोट' भेजने का निर्देश दिया गया है।

इस सत्र के दौरान नियम-280 के तहत विशेष उल्लेख के कुल 109 नोटिस प्राप्त हुए और तीन दिनों में 42 मामलों को सदन में उठाया गया, जिन्हें संबंधित विभागों को उत्तर देने के लिए भेज दिया गया है।

दिनांक 27 फरवरी, 2025 को श्री सतीश उपाध्याय, माननीय सदस्य ने आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान शहीद भगत सिंह की मूर्ति का कथित अपमान तथा शहीदों की गंभीर उपेक्षा के संबंध में सदन का ध्यान आकर्षित किया। श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, माननीय मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया।

दिनांक 27 फरवरी, 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सदन ने श्रद्धांजलि दी। दिनांक 03 मार्च, 2025 को थी अरविंदर सिंह लवली, माननीय सदस्य की माता जी के निधन पर भी सदन ने श्रद्धांजलि दी।

पहले सत्र के दौरान सभी सूचीबद्ध कार्यों को पूरा किया गया। सोमवार, 03 मार्च को सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से लेकर शाम को 06 बजे तक चली, जो इस बात का प्रमाण है कि जनहित से जुड़े ह्रास मुद्दों पर चर्चा के लिए मदन में समय की कोई सीमा नहीं है।

प्रिय मित्रों, मैं संविधान के प्रावधानों तथा सदन के प्रक्रिया नियमों के अनुसार सदन को निष्पक्ष और सकारात्मक ढंग से चलाना चाहता है। पिछले दस वर्षों के दौरान जो भी गन्नत परिपाटी बनी हैं, उन सबको दूर किया जाएगा। अब सदन का नियमानुसार सत्रावमान (प्रौरोगेशन) किया जाएगा, पहले की तरह एक ही सत्र को अलग अलग टुकड़ों में साल भर नहीं चलाया जाएगा। विशेष सत्र की गरिमा भी बहाल की जाएगी। आपातकालीन और विशेष परिस्थितियों में ही विशेष मत्र बुलाया जाएगा। विधान सभा सत्र की अपनी गरिमा और मांदा होती है, जिसका पालन किया जाएगा। बजट सत्र में प्रश्न काल भी शुरू होगा, जिसे पिछली सरकार के दौरान लगभग बंद ही कर दिया गया था।

सदन की कार्यवाही के दौरान पक्ष और विपक्ष को ममान महत्व दिया जायेगा लेकिन नियमों का उल्लंघन किये जाने पर समुचित कार्यवाही भी की जायेगी। सदन के समय का अधिकतम सदुपयोग मेरी प्राथमिकता रहेगी। सदन अब सहयोग, संतुलन, सदभाव और स्थापित नियमों से चलेगा।

जैसा कि आप सब जानते हैं. दिल्ली विधानसभा के भवन का हमारे स्वतंत्रता मंग्राम में बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व रहा है। माननीय उपराज्यपाल ने भी अपने अभिभाषण में इसका उल्लेख किया था। हम इस मामले में विशेषज्ञों में परामर्श करेंगे और पुराने सचिवालय को राष्ट्रीय स्मारक और प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। विधानसभा को कागज रहित बनाने के लिए ई-विधान प्रोजेक्ट लगभग दस वर्षों से लंबित है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने और दिल्ली विधानसभा को पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड करने के लिए इस दिशा में जल्दी से जल्दी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।

सदन की कार्यवाही को संतुलित, सकारात्मक तथा रचनात्मक ढंग से व्यापक रूप से प्रकाशित/प्रसारित करने के लिए मुझे आपका सहयोग चाहिए।

सोमवार, 3 मार्च 2025

बजट को लेकर दिल्ली सरकार की तैयारियों हुई तेज; दिल्ली सरकार 24 से 26 मार्च के बीच प्रस्तुत करेगी विकसित दिल्ली बजट: सीएम रेखा गुप्ता


बजट की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ दिल्ली विधानसभा में प्रेसवार्ता के दौरान सुझाव के लिए नंबर जारी करते हुए।

रविवार, 2 मार्च 2025

अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के तत्वावधान में होली मंगल मिलन समारोह का भव्य आयोजन

संवाददाता

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के तत्वावधान में होली मंगल मिलन समारोह का आयोजन 2 मार्च 2025 को शाह ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम सायं 5 बजे मौजा ही मौजा एंटरटेनमेंट ग्रुप द्वारा आरंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभ आरंभ गणेश वंदना नृत्य नाटिका द्वारा किया गया। इसके उपरांत कैसे कटा ब्रह्म जी का पांचवां सिर, कालिया नाग मर्दन, कल्कि अवतार नाटिका, दुर्गा महिषासुर नृत्य नाटिका, देशभक्ति के गीत, फिल्मी चित्रहार, श्री राधाकृष्ण फूलों की होली का भव्य चित्रांकन किया गया।  शाम 5 बजे से ही पूरा स्टेडियम खचाखच भर गया था। हजारों अग्र बंधुओं ने होली मंगल मिलन कार्यक्रम में उपस्थित होकर इसका आनंद लिया। शाम 7 बजे अतिथि सम्मान किया गया। महाराजा अग्रसेन जी की प्रतिमा पर सभी सम्मानित अतिथियों ने पुष्प चढ़ाए और दीप प्रज्ज्वलन किया। 
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता जी, प्रेरणा सूत्र श्री सत्प्रकाश गुप्ता जी, संगठन के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री देशबंधु गुप्ता जी, चेयरमैन महावीर गोयल जी, उदघाटन करता श्री विपिन गुप्ता जी, श्री सचिन गुप्ता जी (डायरेक्टर, बॉडीकेयर इंटरनेशनल), एडवोकेट भीमसेन मित्तल जी, श्री संजीव सिंहला जी, श्री हरिचंद अग्रवाल जी (अति विशिष्ट अतिथि), श्री नितिन अग्रवाल जी (अति विशिष्ट अतिथि), श्री गंगा बिशन गुप्ता जी (अति विशिष्ट अतिथि), श्रीमति अनिता मुकिम जी, श्री नवल किशोर जी, श्री नन्द किशोर अग्रवाल जी, श्री अमित गोयल जी, श्री बिहारी दास मंगला जी, श्री सतीश रामकुमार गोयल जी, श्री अनिल मित्तल जी (सत्मोला ग्रुप), श्री सुभाष जिंदल जी, श्री वासुदेव गोयल जी, श्री ललित अग्रवाल जी, श्री सोहित जैन जी, श्री नीरज कुमार अग्रवाल जी। 
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता जी द्वारा अग्र ज्योति पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस पुस्तिका में संगठन द्वारा 2024 में किए जा रहे कार्यक्रमों की पूरी जानकारी दी गई। अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के मीडिया सहयोगी वैश्य पैनोरमा द्वारा 26 समाचार प्रकाशित किए गए, मेरी दिल्ली द्वारा 24 समाचार प्रकाशित किए गए, नायक भारती द्वारा 25 समाचार प्रकाशित किए गए, दिल्ली न्यूज 7 द्वारा 24 समाचार प्रकाशित किए गए, हिंद टुडे द्वारा 18 समाचार प्रकाशित किए गए। 
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता जी ने कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि पूरी दुनिया में ही वैश्य समाज है ओर यह समाज जब क्षत्रिय से वैश्य बना था तब उसने संकल्प लिया था कि वह अपनी कमाई का दसवां हिस्सा समाज को समर्पित करेंगे। आज भी वैश्य समाज उसी संकल्प से जुड़ा है। वैश्य समाज बहुत परिश्रमी है। 
उन्होंने होली के उपलक्ष्य पर वैश्य समाज को बधाई देते हुए कहा कि जैसे-जैसे हम अपने रीति-रिवाजों को देखते हैं तो हमें पता चलता है कि उनका बहुत अधिक महत्व है। होली का रंग जब लगता है तो खून की हर बूंद बदल जाती है। पशु-पक्षी और वनस्पतियों में एक अलग ही संचार शुरू हो जाता है। इस पावन पर्व का किसी जाति या धर्म से कोई सम्बंध नहीं है। इसको सभी जातियां हर्षोल्लास से मनाती हैं। हमारा समाज समाज के हर कार्य को सहयोग से ही करता है और हर वर्ग के लिए जनहित के कार्य करता है।
संगठन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देशबन्धु गुप्ता जी ने इस दौरान कहा कि इस वर्ष हमने 2025 में 1,000 बच्चो को अपने पैरों पर खड़ा होने का लक्ष्य रखा है ताकि वो अपनी जीविका कमा सके और परिवार का पालन पोषण कर सके। उन्होंने आह्वान किया कि किसी भी जरूरत मंद को कार्यालय का पता और फोन नम्बर दें ताकि हम उनकी यथोचित सहायता कर सकें। इस अवसर पर संगठन द्वारा किए जा रहे प्रत्येक कार्य की जानकारी भी दी। 
कार्यक्रम में वी.पी.क्रिएशन की ओर से 2100 रुपये के 10 लक्की ड्रा भी निकाले गये। वर्ल्डफा ग्रुप के तत्वावधान में कार्यक्रम में पहुंचने वाली पहली 100 महिलाओं को गिफ्ट के रूप में स्टील के 6 गिलास का एक सेट भी दिया गया।
इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश की टीम पदाधिकारी महामंत्री सुभाष चंद गुप्ता जी, मुख्य सलाहकार पवन सिंहल जी, कोषाध्यक्ष अशोक सतरोदिया जी, उपाध्यक्ष अनिल टेकरीवाल जी, अशोक बंसल जी, जय प्रकाश सोमान जी, विनोद गुप्ता जी, मंत्री राजेश कुमार अग्रवाल जी, युवा चेयरमैन रविंद्र गर्ग जी, महिला चेयरमैन श्रीमति मंजू सिंहल जी, वरिष्ठ उपाध्यक श्रीमति सुदेश मित्तल जी, कार्यकारी महामंत्री श्रीमति आभा गुप्ता जी और अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। संगठन के महामंत्री सुभाष चंद गुप्ता जी ने बताया कि संगठन समाज हित के अनेक कार्य कर रहा है । प्रति वर्ष धार्मिक और पारिवारिक यात्राओं का आयोजन भी किया जा रहा है।











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