नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय व पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय द्वारा भारत में चीता को पुनः बसाने के महत्वपूर्ण विषय पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। संग्रहालय की वरिष्ठ शिक्षक सहायक सुशीला कुमारी यादव के द्वारा दिल्ली के मंगोलपुरी एवं रोहिणी क्षेत्रों में विभिन्न स्कूलों के छात्रों को चीता के प्रति व्यापक स्तर पर लेक्चर, प्रेजेंटेशन एवं फिल्म दिखाकर जागरूक किया जा रहा है। चीता 1947 से पहले भारतीय जंगल में मौजूद एक मांसाहारी प्रजाति थी जिन्हें 1952 में अधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि एक पारिस्थितिक तंत्र में शिकार प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करने और बनाए रखने के लिए शीर्ष मांसाहारी प्रजाति महत्वपूर्ण है। शीर्ष मांसाहारी का नुकसान केवल पारिस्थितिक तंत्र में खाद्य श्रृंखला के निचले स्तर को असंतुलित करता है। इस प्रकार पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन को बनाए रखने के लिए शीर्ष मांसाहारी का अस्तित्व महत्वपूर्ण है।
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