शुक्रवार, 3 मार्च 2017

उप्र को कदापि नहीं बंटने दिया जाए

श्याम कुमार

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा निर्मलीकरण मंत्री उमा भारती के बारे में जनता में यह धारणा थी कि वह सबसे अधिक निश्क्रिय मंत्री हैं तथा उनकी निश्क्रियता के कारण ही गंगा का निर्मलीकरण-अभियान परवान नहीं चढ़ पाया है। लेकिन उमा भारती ने गत दिवस प्रदेश भाजपा के लखनऊ-मुख्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में इस धारणा को समाप्त कर दिया। उन्होंने अपनी अत्यंत कुषल एवं सफल मंत्री की छाप छोड़ी। गंगा के निर्मलीकरण के बारे में उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्हें विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ा तथा उत्तर प्रदेश सरकार का असहयोग भी झेला। किन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हौसला बढ़ाया तथा हर प्रकार से मदद की। नतीजा यह हुआ कि पिछली जुलाई, 2016 को सभी कठिनाइयां दूर हो गई हैं तथा अब गंगा-निर्मलीकरण का कार्य तेजी से चलेगा। उमा भारती की पत्रकारवार्ता इस दृष्टि से अत्यंत सार्थक थी कि उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विभाग की विभिन्न उपलब्धियों पर प्रकाष डाला। एक विशेष चर्चा बुंदेलखण्ड को लेकर हुई। बुंदेलखण्ड उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक पिछड़ा क्षेत्र है तथा आजादी के बाद विगत दशकों में उसके विकास के अनगिनत सपने दिखाए गए, लेकिन सारे सपने भ्रष्टाचार एवं अकर्मण्यता की भेंट चढ़ते गए। बुंदेलखण्ड आज भी भयंकर रूप से गरीबी एवं पिछड़ेपन का षिकार है।

नेताओं को जनकल्याण के बजाय अपने कल्याण की अधिक चिंता रहती है। यही बुंदेलखण्ड को लेकर भी हुआ। हमारे नेताओं ने बुंदेलखण्ड के विकास में सही योगदान करने के बजाय अलग बुंदेलखण्ड राज्य बनाने का नारा शुरू किया तथा जनता को यह बरगलाने लगे कि अलग राज्य बनने पर बुंदेलखण्ड स्वर्ग बन जाएगा। वहां राजा बुंदेला-जैसे अनेक नेता पनप गए, जो बुंदेलखण्ड राज्य के निर्माण को ही समस्या का हल बताने लगे। जनता को यह तथ्य पता नहीं है कि उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र को अलग राज्य बना देने से उस क्षेत्र को कोई लाभ नहीं हुआ है, बल्कि बहुत अधिक नुकसान हो गया है। फायदा केवल नेताओं का हुआ है। वहां विधायकों एवं मंत्रियों की लम्बी फौज खड़ी हो गई, जिसके भ्रष्टाचार के किस्से अकसर सामने आते रहते हैं। वहां जनता गरीब की गरीब बनी हुई है, केवल नेताओं के घर समृद्धि से भर गए हैं। स्वार्थी नेता यही हाल बुंदेलखण्ड का भी करना चाहते हैं। वहां भी विधायकों एवं मंत्रियों की फौज खड़ी हो जाएगी तथा जनता के टैक्स से वसूला गया एवं केंद्र सरकार से प्राप्त धन नेताओं की सुख-सुविधाओं की भेंट चढ़ जाएगा। वहां की जनता फकीर की फकीर बनी रहेगी। अनेक पत्रकार भी आस लगाए बैठे हैं कि वे बुंदेलखण्ड राज्य बनने पर आसानी से विधायक व मंत्री बन जाएंगे। इसीलिए वे बुंदेलखण्ड राज्य के गठन का समर्थन किया करते हैं।उमा भारती की पत्रकारवार्ता में बुंदेलखण्ड राज्य के गठन का प्रश्न उठा तो उन्होंने कहा कि वह तो अनेक वर्षाें से बुंदेलखण्ड राज्य के गठन की समर्थक हैं। किन्तु पहली बात यह कि राज्य पुनर्गठन आयोग ही इस मसले के विभिन्न पहलुओं पर समुचित विचार कर निर्णय करेगा। दूसरी बात यह कि बुंदेलखण्ड का अधिक हिस्सा मध्य प्रदेश में है, जो बुंदेलखण्ड के उत्तर प्रदेश वाले हिस्से की तरह ही बेहद पिछड़ा हुआ था तथा भयंकर गरीबी से ग्रस्त था। लेकिन मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने वहां बुंदेलखण्ड क्षेत्र का चमत्कारपूर्ण ढंग से इतना अधिक विकास कर दिया है कि वहां की जनता ने मध्य प्रदेश से अलग होने से इनकार कर दिया है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश की सरकारों ने यहां बुंदेलखण्ड का विकास किए जाने की ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया। केंद्र सरकार ने जो भारी धनराषि इस क्षेत्र के विकास-कार्याें के लिए भेजी, वह यहां या तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई अथवा उपयोग के बिना केंद्र सरकार को लौटा दी गई। उमा भारती ने बुंदेलखण्ड का विकास एवं कायाकल्प करने के लिए ऐसी अनेक योजनाओं पर प्रकाष डाला, जिन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही कार्यान्वित किया जाएगा तथा मध्य प्रदेश वाले बुंदेलखण्ड के हिस्से की तरह यहां के बुंदेलखण्ड  क्षेत्र को भी पूर्णरूपेण विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नई सरकार बुंदेलखण्ड विकास बोर्ड का गठन करेगी। उमा भारती ने यह भी बताया कि बुंदेलखण्ड क्षेत्र में कम पानी से अधिक सिंचाई की नई तकनीक के उपयोग हेतु भारत सरकार ने इजराइल सरकार से एक समझौता किया है।  
बुंदेलखण्ड उत्तर प्रदेश का ऐसा प्यारा हिस्सा है, जिसका जितना अधिक विकास होगा, उससे सम्पूर्ण प्रदेश को लाभ होगा। उस क्षेत्र को विकसित करने की असीम संभावनाएं हैं। जिस प्रकार आजादी के बाद यदि पूरे उत्तर प्रदेश का समुचित विकास किया जाता तो हमारा पूरा प्रदेश पर्यटन की दृश्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन सकता था, वही बात बुंदेलखण्ड पर भी लागू होती है। वह समूचा क्षेत्र अत्यंत ऐतिहासिक महत्व का है तथा उसे प्राकृतिक दृश्टि से भी बड़ा रमणीक रूप दिया जा सकता है। वहां जल की समस्या बताई जाती है, किन्तु वास्तविकता यह है कि वहां जल उपलब्ध है, जिसका सही संयोजन एवं उपयोग नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार ने इजराइल से जो समझौता किया है, वह बुंदेलखण्ड का कायाकल्प करने में सहायक होगा। उत्तर प्रदेश को बड़ा राज्य कहकर विभाजन की मांग करने वाले भूल जाते हैं कि यह प्रदेश देश का सबसे अनूठा प्रदेश है। यहां इतने रंग विद्यमान हैं, जो पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विशय हैं। बुंदेलखण्ड क्षेत्र एवं वहां की जनता के वास्तविक कल्याण का एकमात्र रास्ता उसे राज्य बनाया जाना नहीं, बल्कि उस क्षेत्र का अधिक से अधिक विकास किया जाना है। इसका प्रमाण मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान ने प्रस्तुत कर दिया है, जिन्होंने वहां बुंदेलखण्ड क्षेत्र का इतना अधिक विकास किया कि वहां की जनता मध्य प्रदेश से अलग होने के विरुद्ध हो गई है। ऐसा ही उत्तर प्रदेश में भी हो सकता है।

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